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...24 साल पहले भी हुई थी कुछ इसी तरह की घटना

मार्च का महीना, पुलिस और कांग्रेस नेतृत्व में कुछ अजब सा कनेक्शन है। अतीत में भी इस कनेक्शन की वजह से राजनीति को खामियाजा भुगतना पड़ा है। कांग्रेस ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा समीक्षा पर जासूसी का रंग चढ़ा दिया है। 24 साल पहले मार्च 1991 में चंद्रशेखर

By Sudhir JhaEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2015 10:56 AM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2015 01:27 PM (IST)
...24 साल पहले भी हुई थी कुछ इसी तरह की घटना

नई दिल्ली। मार्च का महीना, पुलिस और कांग्रेस नेतृत्व में कुछ अजब सा कनेक्शन है। अतीत में भी इस कनेक्शन की वजह से राजनीति को खामियाजा भुगतना पड़ा है। कांग्रेस ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सुरक्षा समीक्षा पर जासूसी का रंग चढ़ा दिया है। 24 साल पहले मार्च 1991 में चंद्रशेखर की सरकार को कांग्रेस नेता की जासूसी कराने की वजह से सत्ता से हाथ धोना पड़ा था।

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गौरतलब है कि चंद्रशेखर ने चार महीने तक कांग्रेस के समर्थन से सरकार चलाई थी लेकिन राजीव गांधी की जासूसी करने के आरोप में कांग्रेस ने चंद्रशेखर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। उस समय हरियाणा पुलिस के दो कांस्टेबल राजीव गांधी के घर के पास से जासूसी करने के आरोप में पकड़े गए थे।

2 मार्च 1991 को हारियाणा पुलिस के कांस्टेबल प्रेम सिंह और राज सिंह को राजीव गांधी के निवास 10 जनपथ के बाहर से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दोनों सादे कपड़े में थे। दोनों ने स्वीकार किया था कि उन्हें कुछ सूचना एकत्रित करने के लिए वहां भेजा गया था। मामले को लेकर जैसे राजनीतिक भूचाल आ गया। आखिर प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को 6 मार्च 1991 को इस्तीफा देने की घोषणा करनी पड़ी थी। राजीव गांधी की जासूसी कराने के आरोप में चंद्रशेखर को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

पढ़ेंः राहुल की सियासी जासूसी पर कांग्रेस ने पीएम व गृहमंत्री से मांगा जवाब


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