जम्मू-कश्मीर में गोमांस पर दो पर गिरी गाज
गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर जम्मू-कश्मीर का गरमा रहा माहौल गठबंधन सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। मंगलवार को राज्य सरकार ने उपमहाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी। दोनों पर गोमांस प्रकरण की गाज गिरी है। दूसरी तरफ गठबंधन सरकार में
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। गोमांस पर प्रतिबंध को लेकर जम्मू-कश्मीर का गरमा रहा माहौल गठबंधन सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। मंगलवार को राज्य सरकार ने उपमहाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी। दोनों पर गोमांस प्रकरण की गाज गिरी है। दूसरी तरफ गठबंधन सरकार में चौड़ी हो रही दरार को पाटने के लिए बुधवार को राममाधव जम्मू आ रहे हैं। वह भाजपा नेताओं केसाथ चर्चा करने के अलावा पीडीपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से भी बात करेंगे।
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि विधि मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने मंगलवार दोपहर बाद सरकारी आदेश जारी कर उपमहाधिवक्ता परीमोक्ष सेठ और अतिरिक्त महाधिवक्ता विशाल शर्मा की सेवाओं को समाप्त कर दिया। परिमोक्ष सेठ ने ही गत वर्ष वह जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर अदालत ने जम्मू-कश्मीर में गोमांस पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। राज्य विधि विभाग ने इस मामले का नोटिस लेते हुए परिमोक्ष सेठ को याचिका वापस लेने का निर्देश दिया था। परिमोक्ष सेठ ने यकीन दिलाने के बाद भी याचिका से नाम वापस नहीं लिया और कहा कि भाजपा आलाकमान ने उन्हें मना किया है।
हम खाते रहेंगे गोमांस: पीडीपी
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बेशक गोमांस पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध है, लेकिन मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद और उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती दोनों ही अक्सर इसका सेवन करते हैं। यह दावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा के राजनीतिक सलाहकार पीर मंसूर ने किया है। मंसूर ने कहा कि गोमांस मुसलमानों के लिए पूरी तरह हलाल है। उन्हें इससे वंचित करना मतलब उनके मजहबी मामलों में दखल देने के समान है। अदालत बेशक इस पर पाबंदी लगाए, लेकिन हम गोमांस खाना बंद नहीं करेंगे।