ट्रेन-बस टक्कर में 19 मासूमों की मौत
बिना फाटक वाली रेलवे क्रॉसिंग एक बार फिर काल साबित हुई। नवगठित राज्य तेलंगाना के मेडक जिले के मसाईपेट इलाके की ऐसी ही क्रॉसिंग पर गुरुवार सुबह एक स्कूल बस ट्रेन की चपेट में आ गई। हादसे में 1
हैदराबाद। बिना फाटक वाली रेलवे क्रॉसिंग एक बार फिर काल साबित हुई। नवगठित राज्य तेलंगाना के मेडक जिले के मसाईपेट इलाके की ऐसी ही क्रॉसिंग पर गुरुवार सुबह एक स्कूल बस ट्रेन की चपेट में आ गई। हादसे में 19 मासूम, बस ड्राइवर और सहायक की मौत हो गई। तकरीबन 20 अन्य घायल बच्चों को हैदराबाद के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने दुर्घटना पर दुख जताया है। राज्य के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे के साथ ही घायलों का पूरा खर्च उठाने की घोषणा की है। रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजे का एलान किया है।
तेलंगाना सरकार और स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि दुर्घटना के लिए रेलवे जिम्मेदार है, जबकि रेलवे ने दुर्घटना के लिए ड्राइवर को जिम्मेदार ठहराया है। हैदराबाद से करीब 70 किमी दूर मसाईपेट में गुरुवार सुबह इस्लामपेट के बच्चों को तूपरान स्थित ककटिया टेक्नो स्कूल पहुंचाने के लिए बस ड्राइवर ने शॉर्टकट लिया और मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग का रास्ता पकड़ लिया। तकरीबन 9.15 बजे स्कूल बस क्रॉसिंग को पार कर ही रही थी कि ठीक उसी समय नांदेड़-सिकंदराबाद पैसेंजर ट्रेन वहां पहुंच गई और बस को तकरीबन एक किमी तक घसीटती ले गई। बस में पांच से 15 वर्ष आयु के कुल 40 बच्चे सवार थे। गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचे दक्षिण मध्य रेलवे के अधिकारियों पर पथराव किया। लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ी। इस पर ग्रामीणों ने नजदीकी हाईवे पर जाम लगा दिया।
सिंचाई मंत्री हरीश राव ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य का मुआयना किया और घायलों को हैदराबाद भेजने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने मुख्य सचिव राजीव शर्मा व पुलिस महानिदेशक अनुराग शर्मा के साथ हालात की समीक्षा की। राज्य के गृह मंत्री एनएन रेड्डी ने कहा कि दुर्घटना की गहन जांच की जाएगी और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने कई बार रेलवे से क्रॉसिंग पर फाटक लगाने और गेटमैन तैनात करने का आग्रह किया था। साथ ही रेलवे को इस संबंध में कई ज्ञापन भी दिए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। रेलवे ने दुर्घटना के लिए ड्राइवर की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस के मुताबकि, बस चालक ने क्रॉसिंग पार करते समय आती हुई ट्रेन पर ध्यान नहीं दिया और दुर्घटना हो गई। विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप था कि रेलवे की लापरवाही के चलते दुर्घटना हुई। उन्होंने स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई की मांग की है। रेल मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों को मुआवजे के अलावा गंभीर घायलों को एक-एक लाख और मामूली घायलों को 20 हजार रुपये देने की घोषणा की है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने घटना पर दुख जताते हुए केंद्र सरकार से सड़क व रेलवे सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाने की अपील की है।
मोदी सरकार में तीसरी बड़ी रेल दुर्घटना
मसाईपेट की दुर्घटना नरेंद्र मोदी सरकार में तीसरा बड़ा रेल हादसा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मई, 2014 को पद व गोपनीयता की शपथ लेने की तैयारी कर ही रहे थे। तभी खबर आई कि उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद स्टेशन के नजदीक गोरखधाम एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से जा टकराई। दुर्घटना में 25 लोगों की मौत हुई, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए। ठीक एक महीने बाद 25 जून को बिहार के छपरा में दरभंगा राजधानी एक्सप्रेस पटरी से उतर गई। इसमें चार लोगो की मौत हुई और आठ घायल हो गए। अब तीसरा बड़ा हादसा गुरुवार 24 जुलाई को मसाईपेट में हो गया।