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राष्ट्रपति चुनाव में जाति के मुद्दे पर भड़कीं मीरा कुमार, जानिए- क्या कहा

विपक्ष की राष्ट्रपति पद उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा है कि उन्हें 17 राजनीतिक पार्टियों का समर्थन हासिल है।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 01:00 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 08:25 PM (IST)
राष्ट्रपति चुनाव में जाति के मुद्दे पर भड़कीं मीरा कुमार, जानिए- क्या कहा

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रपति चुनाव को दलित बनाम दलित बताए जाने को गलत करार देते हुए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने कहा कि वह जाति व्यवस्था के ढांचे को खत्म कर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा को मुद्दा बनाएंगी। मीरा कुमार इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई बनाने के लिए अपने प्रचार अभियान का आगाज साबरमती के गांधी आश्रम से करेंगी।

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साबरमती के गांधी आश्रम में बापू को नमन करने के बाद मीरा कुमार गुजरात में प्रचार के लिए विधायकों से रूबरू होंगी। साबरमती से अभियान का आगाज करने की वजह पूछे जाने पर मीरा ने कहा कि इस धरती की ताकत सबको मालूम है जिसने ब्रिटिश राज उखाड़ फेंका। इसीलिए वह यहां से अपने अभियान का आगाज करेंगी क्योंकि यहां से शक्ति मिलती है। विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद मंगलवार को अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में मीरा कुमार ने यह बात कही। मीरा ने कहा कि यह जातिगत लड़ाई नहीं है और अच्छी बात है कि इसको लेकर चर्चा हो रही है क्योंकि इससे समाज की असलियत सामने आ रही है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि जब राष्ट्रपति चुनाव में दो उच्च जातियों के प्रत्याशी आमने-सामने थे तब जाति का सवाल नहीं उठा और उनके गुणों पर बात हुई।

मीरा ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जाति की मानसिकता को गठरी में बांधकर नीचे दबा समाज को आगे बढ़ना चाहिए। इस वक्त देश हित सर्वोपरि है और जो विचारधारा प्रेस की आजादी, पारदर्शिता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समावेशी समाज में विश्वास रखती है उसी में देश हित है। इसीलिए उन्होंने अंतरात्मा की आवाज की अपील की है।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के स्पीकर के रुप में खुद पर पक्षपात करने के लगाए आरापों को मीरा कुमार ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि स्पीकर के तौर पर उनके कामकाज की सत्ता और विपक्ष दोनों की तरफ से सार्वजनिक रुप से प्रशंसा की गई। पिछले लोकसभा के आखिरी सत्र में सभी दलों के नेताओं की ओर से दिए गए भाषण के रिकार्ड होने का हवाला देते हुए मीरा ने कहा कि उन्होंने न कभी पक्षपात किया और न ही किसी ने आरोप लगाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख बदलने को लेकर पूछे जाने पर मीरा ने सीधे कुछ नहीं कहा बल्कि निर्वाचन मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिखने की बात दोहराई। साथ ही कहा कि यह इतिहास रचने का वक्त है और सभी को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुन वोट करना चाहिए। जगजीवन राम ट्रस्ट को लेकर उन पर उठाए गए सवालों को लेकर मीरा कुमार ने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं। जहां तक दफ्तर की बात है तो सरकार ने कानूनी तरीके से एक प्रतिष्ठान को दिया है।

मीरा कुमार का नामांकन आज

राष्ट्रपति चुनाव में 17 पार्टियों की संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार नामांकन के आखिरी दिन संसद भवन में अपना पर्चा दाखिल करेंगी। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी गठबंधन के सभी प्रमुख बडे़ नेताओं के मौजूद रहने की संभावना है। नामांकन से एक दिन पहले मीडिया से रूबरू हुई मीरा कुमार ने कहा कि 17 पार्टियों का उन पर जताया गया विश्वास उनके लिए सम्मान की बात है। प्रमुख विपक्षी नेताओं में शरद पवार, लालू प्रसाद, सीताराम येचुरी के नामांकन के दौरान मौजूद रहने की बात है।

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