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एमपी: राशन डिपो में लगी भीषण आग, 14 लोगों की जलकर मौत

राशन स्टोर में आग लगने के कारण 14 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे में तीन लोग घायल भी बताए जा रहे हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 21 Apr 2017 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 21 Apr 2017 10:18 PM (IST)
एमपी: राशन डिपो में लगी भीषण आग, 14 लोगों की जलकर मौत

छिंदवाड़ा : मप्र के छिंदवाड़ा जिले के हर्रई के बारगी स्थित सहकारी समिति केंद्र पर शुक्रवार की दोपहर केरोसिन के ड्रम में बीड़ी की चिंगारी से आग भड़क गई। सहकारी समिति के कक्ष में लाइन से रखे आठ से दस ड्रम तक आग फैलने से वहां खड़े चार दर्जन से अधिक लोग आग से घिर गए। सहकारी समिति का पीछे का दरवाजा बंद होने से कम ही लोग बाहर निकल पाए और 14 लोगों की मौके पर ही जिंदा जलने से मौत हो गई। करीब 40 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। झुलसे लोगों को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

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घटना के डेढ़ घंटे बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। घटना के तीन घंटे बाद भी मौेके पर पड़े शवों से आग की लपटें उठ रही थीं। प्रभारी मंत्री गौरीशंकर बिसेन घटनास्थल पर पहुंच गए हैं हर्रई तहसीलदार आरसी टेकाम ने बताया कि शुक्रवार को सहकारी समिति में केरोसिन का वितरण होता है। शाम करीब 5.30 बजे केरोसिन बंट रहा था। सहकारी समिति का कक्ष ठसाठस भरा था। इसी कक्ष में केरोसिन के ड्रम और चावल-गेहूं के बोरे रखे थे। बीड़ी की चिंगारी के कारण केरोसिन के ड्रम में आग लगी और थोड़ी ही देर में पूरे कक्ष में आग फैल गई। लोगों को बाहर निकलने का भी मौका नहीं मिला। 14 लोगों के शव की शिनाख्त हो चुकी है। तीन दर्जन से ज्यादा झुलसे लोगों को छिंदवाड़ा रेफर किया गया है।

प्रदेश सरकार ने घटना में मारे गए लोगों के परिजन को चार-चार लाख रुपए देने की घाषणा की है और घायलों को दो दो लाख दिए जाएंगे। आग लगने की सूचना तत्काल प्रशासन को दी गई, लेकिन डेढ़ घंटे बाद फायर ब्रिगेड पहुंची। चूंकि हर्रई नगर पंचायत में फायर ब्रिगेड की एक ही गाड़ी है, इसलिए पानी खत्म होने पर बार-बार गाड़ी को पानी लेने जाना पड़ रहा था।

करीब ढाई घंटे बाद अमरवाड़ा से फायर ब्रिगेड की और गाडि़यां भेजी गई। कमरे में तापमान इतना ज्यादा था कि कोई घुस न सका, जेसीबी से दीवार तोड़कर शव निकाले गए और घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। बारगी गांव के योगेश शर्मा ने नईदुनिया को बताया कि यदि बिजली होती तो इतनी बड़ी घटना टाली जा सकती थी, क्योंकि सहकारी समिति के सामने ही एक बोर है। लेकिन आगजनी की घटना के समय बिजली बंद होने से बोर चालू नहीं हो सका। योगेश ने बताया कि पिछले तीन चार दिनों से हर्रई के बिजली अधिकारियों को फोन लगा रहे थे। लेकिन उन्होंने नहीं सुनी।

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