नोटबंदी के चलते 1.52 लाख अस्थाई कर्मियों की नौकरी गई
सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। पिछले साल नवंबर में नोटबंदी का फैसला किये जाने से सबसे ज्यादा बुरा असर अस्थाई कर्मचारियों पर पड़ा। दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान नोटबंदी के चलते 1.52 लाख कर्मचारियों की नौकरियां चली गईं। गौरतलब है कि सरकार ने आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने की घोषणा की थी। इससे आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा।
श्रम मंत्रालय के अधीन काम करने वाले लेबर ब्यूरो की विभिन्न उद्योगों में रोजगार की स्थिति पर तिमाही रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अक्टूबर 2016 के मुकाबले एक जनवरी 2017 तक आइटी, ट्रांसपोर्ट, मैन्यूफैक्चरिंग समेत आठ सेक्टरों में 1.52 रोजगार कम हुए। सर्वे के अनुसार इस दौरान 1.68 लाख नये पूर्णकालिक कर्मचारी जुड़े। जबकि 46 हजार अंशकालिक कर्मचारी कम हुए। इस दौरान अनुबंधित और नियमित कर्मचारियों की संख्या क्रमश: 1.24 लाख और 1.39 लाख बढ़ी।
रिपोर्ट के मुताबिक इन आठ सेक्टरों में जुलाई-सितंबर तिमाही के मुकाबले आलोच्य अवधि में कर्मचारियों की कुल संख्या 1.22 लाख बढ़ गई। इसमें सभी तरह के कर्मचारी शामिल थे। मैन्यूफैक्चरिंग, ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, आइटी व बीपीओ, शिक्षा व हेल्थ सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या 1.23 लाख बढ़ गई जबकि कंस्ट्रक्शन सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या कम हुई।
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