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ट्रेड यूनियनों ने ईपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक से किया वॉकआउट

ईपीएफओ के पास पड़ी बिना दावे वाली राशि को केंद्र सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों पर खर्च करने का फैसला किया है। हालांकि ट्रेड यूनियन इसका विरोध कर रहे हैं।

By Lalit RaiEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 04:33 AM (IST)
ट्रेड यूनियनों ने ईपीएफओ ट्रस्टी बोर्ड की बैठक से किया वॉकआउट

नई दिल्ली, प्रेट्र । मजदूर यूनियनों ने बिना दावे वाली पीएफ राशि का इस्तेमाल वरिष्ठ नागरिकों की कल्याण योजनाओं पर करने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। वित्त मंत्रालय के इस निर्णय के खिलाफ यूनियनों के प्रतिनिधि मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीओएफओ) के केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड की बैठक से वॉकआउट किया। इस बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय कर रहे थे। उन्होंने नाराज श्रम प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि वह इस मामले को संबंधित मंत्रालय के सामने उठाएंगे। जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भी ले जाएंगे, मगर यूनियनों ने उनकी एक न सुनी।

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ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) के सचिव डीएल सचदेव ने बताया कि बैठक में जैसे ही सीनियर सिटीजन वेल्फेयर फंड संबंधी अधिसूचना पर पूरक एजेंडा आइटम ट्रस्टियों के बीच वितरित किया गया, वैसे ही सरकार के इस निर्णय के विरोध में यूनियन सदस्य बैठक से बहिर्गमन कर गए। बाद में दत्तात्रेय भी बैठक को बीच में छोड़कर चले गए। इस अधिसूचना के मुताबिक, ईपीएफओ के खातों को निष्कि्रय घोषित करने की तारीख से सात साल तक कोई दावेदारी नहीं आने पर ऐसे अकाउंट में पड़ी राशि सीनियर सिटीजन वेल्फेयर फंड में चली जाएगी।

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यूनियनों के नाराज प्रतिनिधियों ने श्रम मंत्री से कहा कि सरकार की अधिसूचना कानूनी तौर पर सही नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट में नहीं टिक पाएगी। सरकार के लिए भी यह अनुचित है कि वह ईपीएफओ की बिना दावे वाली राशि निकाल कर उसका इस्तेमाल अपनी कल्याण योजनाओं पर करे। यह रकम कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ में अंशदान करने वालों की है। वे कभी भी इस पर दावा कर सकते हैं।

ईपीएफओ के एक अन्य ट्रस्टी व भारतीय मजदूर संघ के सदस्य पीजे बानासुरे ने कहा इस मुद्दे पर ईपीएफओ की वित्त लेखा परीक्षण व निवेश समिति (एफएआइसी) विचार कर रही है। एफएआइसी ने ईपीएफओ की राशि का इस्तेमाल किसी तरह के वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष के लिए करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

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प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से श्रम मंत्रालय और ईपीएफओ को लिखे गए पत्र के बाद समिति ने इस प्रस्ताव पर चर्चा की थी।ईपीएफओ ट्रस्टियों की बैठक मुख्य रूप से चालू वित्त वर्ष में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में पीएफ राशि का अनुपात बढ़ाने के लिए किया गया था। ईपीएफओ ने पिछले साल अगस्त में शेयर बाजार में निवेश शुरू किया था। संगठन ईटीएफ में करीब 7,400 करोड़ रुपये का निवेश कर चुका है।

पिछले साल श्रम मंत्रालय ने ईपीएफओ के निवेश योग्य जमा से पांच फीसद का निवेश ईटीएफ में करने का फैसला किया था। ईपीएफओ को चालू वित्त वर्ष में निवेश योग्य जमा के तौर पर 1.3 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

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