सरकार ने प्याज का निर्यात मूल्य हटाया
केंद्र सरकार ने प्याज के थोक दाम दस रुपये किलो से भी नीचे जाने के कारण परेशान किसानों को मुसीबत से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पूरी तरह खत्म कर दिया है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्याज के थोक दाम दस रुपये किलो से भी नीचे जाने के कारण परेशान किसानों को मुसीबत से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पूरी तरह खत्म कर दिया है। एमईपी वह कीमत है जिससे कम पर कोई व्यापारी जिंस का निर्यात नहीं कर सकता है। इस कदम से प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। नतीजतन कीमतों में सुधार आने से मंदे से परेशान किसानों को राहत मिलेगी। अलबत्ता प्याज के खुदरा दामों में कुछ तेजी आ सकती है।
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गुरुवार को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। इसमें कहा गया है कि प्याज की सभी किस्मों का निर्यात बिना किसी एमईपी के किया जा सकेगा। अगस्त में सरकार ने प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य को 425 डॉलर से बढ़ाकर सीधे 700 डॉलर प्रति टन कर दिया था। उस वक्त प्याज की खुदरा कीमत 60-70 रुपये प्रति किलो के ऊंचे स्तर पर पहुंच जाने के बाद सरकार ने एमईपी में भारी वृद्धि का कदम उठाया था। मगर अब प्याज के खुदरा दाम भी 20-30 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं।
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महाराष्ट्र स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में इस जिंस की थोक कीमत 10 रुपये प्रति किलो से भी नीचे आ गई। जबकि किसानों को मिलने वाली कीमत 7-8 रुपये प्रति किलो रह गई। इससे परेशान किसानों ने महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिए थे। महाराष्ट्र सरकार ने भी केंद्र को पत्र लिखकर प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने का अनुरोध किया था। केंद्र सरकार पहले ही एमईपी को 400 डॉलर प्रति टन पर ला चुकी थी। इसके बावजूद प्याज कीमतों पर कोई असर नहीं होते देख न्यूनतम निर्यात को पूरी तरह हटाने का फैसला किया गया।