'टीम इंडिया’ बढ़ाएगी विकास दर, कृषि और ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढाएं राज्यः वित्त मंत्री
कृषि और ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आग्रह राज्यों से करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘टीम इंडिया’ के प्रयासों से ही विकास दर तेज होगी।
नई दिल्ली। कृषि और ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आग्रह राज्यों से करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ‘टीम इंडिया’ के प्रयासों से ही विकास दर तेज होगी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को उच्च वृद्धि दर के स्तर पर पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते दिनों में जो सुधार किए हैं, उनका असर आगामी दिनों में देखने को मिलेगा।
वित्त मंत्री ने शनिवार को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ आम बजट 2016-17 से पूर्व चर्चा के दौरान ये बातें कहीं। केंद्र की ओर से बजट पर चर्चा के लिए बुलाई गई यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि 29 फरवरी को केंद्रीय आम बजट पेश होगा। वहीं, राज्य भी अपने यहां बजट बनाने की तैयारियों में जुटे हैं। ऐसे में इस बैठक में चर्चा के आधार पर केंद्र और राज्य एक दूसरे के सुझावों को अपने बजट में समाहित कर सकते हैं।
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वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्यों को साथ मिलकर काम करने का आग्रह करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘टीम इंडिया’ के नारे का जिक्र किया और कहा कि राज्यों के आगे बढ़ने पर ही देश का विकास होगा। जेटली ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने में राज्य सरकारों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि आगामी महीनों में विकास दर रफ्तार पकड़ेगी। कृषि और ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का आग्रह करते हुए जेटली ने उम्मीद जताई कि चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद जिन राज्यों के संसाधनों में वृद्धि हुई है, वे गरीबी निवारण कार्यक्रमों और ढांचागत सुविधाओं के विकास पर धनराशि खर्च करेंगे।
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जेटली ने कहा कि राज्यों ने अपने उपलब्ध संसाधनों की चर्चा की है। उनमें से हर कोई अधिक निवेश चाहता है। वे वैश्विक मंदी के माहौल से निपटने के लिए तैयार हो रहे हैं, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ती रहे। वित्त मंत्री ने कहा कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था एक कठिन दौर से गुजर रही है और यह बेहद नाजुक है। इसने भारत पर भी असर डाला है। खासकर निर्यात पर असर पड़ा है। इसके बावजूद भारत दुनिया में सर्वाधिक तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने में सक्षम रहा है। बैठक में कई राज्यों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मद्देनजर केंद्र से वित्तीय मदद, केंद्र प्रायोजित योजनाओं में अधिक आवंटन और सीएसटी के बकाया के भुगतान की मांग की।