Move to Jagran APP

पहले भरना पड़ेगा जीएसटी फिर मिलेगी टैक्स रियायत

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की दूसरी बैठक में शुक्रवार को इस संबंध में सहमति बनी।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 30 Sep 2016 10:14 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 04:55 PM (IST)
पहले भरना पड़ेगा जीएसटी फिर मिलेगी टैक्स रियायत

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक अप्रैल 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश सहित 11 राज्यों मंे विभिन्न उद्योगों को मिल रही केंद्रीय उत्पाद शुल्क जैसी परोक्ष टैक्स छूट समाप्त हो जाएंगी। जीएसटी के दायरे में आने वाले सभी कारोबारियों को पूरे देश में टैक्स जमा करना होगा लेकिन अगर केंद्र या कोई राज्य सरकार किसी उद्योग, व्यक्ति या फर्म (एंटिटी) को जीएसटी से छूट जारी रखना चाहती है तो उसे वसूली गई कर राशि अपने बजट से लौटानी होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की दूसरी बैठक में शुक्रवार को इस संबंध में सहमति बनी। हालांकि काउंसिल पहली बैठक में लिए गए फैसलों के मिनट्स को मंजूरी नहीं दे सकी।

loksabha election banner

काउंसिल की बैठक में हुए फैसलों के बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि इसमें एक अहम मुद्दा केंद्र और राज्यों की ओर से फिलहाल दी जा रही परोक्ष कर छूटों का था। केंद्र सरकार ने पर्वतीय और पूर्वोत्तर के 11 राज्यों को केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संबंध में कुछ छूटें दे रखी है। इसी तरह राज्यों ने भी अपने यहां उद्योगों को कई प्रकार की परोक्ष कर छूटें और प्रोत्साहन दिए हुए हैं।

जेटली ने कहा कि संभव है कि कुछ कर छूटें चरणबद्ध तरीके से समाप्त हो जाएं, लेकिन जो बची रहेंगी, उन्हें जीएसटी सिस्टम मंे कैसे समाहित किया जाए, इस बारे में काउंसिल ने विचार किया। काउंसिल में इस पर सहमति बनी कि जीएसटी सिस्टम में सभी छूट प्राप्त एंटिटीज (व्यक्ति, कंपनी या संस्था) पर टैक्स लगेगा। जब उन पर टैक्स लागू हो जाएगा, तो बाद में उनसे वसूलने वाली केंद्र या राज्य सरकार को अपने बजट के माध्यम से उक्त कर की राशि वापस करनी होगी। इस तरह जीएसटी सिस्टम मंे सभी को टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। अलबत्ता, अगर आपको टैक्स से छूट प्राप्त है और केंद्र या राज्य सरकार इस छूट को जारी रखना चाहती है, तो आप चुकाई गई कर राशि को वापस पाने के अधिकारी होंगे।

जेटली ने कहा कि कौन सी टैक्स छूटें खत्म होंगी या बरकरार रहेंगी, इस बारे फैसला केंद्र और राज्य करेंगे। राज्यों को तय करना होगा कि उन्हें किन उद्योगों को टैक्स छूट की सुविधा देनी है, उसके बाद वे उनसे वसूले गए टैक्स की राशि को लौटा सकेंगी। यह जरूरी नहीं कि सभी प्रकार की टैक्स छूटें समाप्त हो जाएं, अगर आप कुछ को जारी रखना चाहते हैं तो पहले टैक्स का भुगतान करना होगा। बाद मंे भले ही केंद्र या राज्य सरकार उसे आपको वापस कर दे।

जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में हुए फैसलों के मिनट्स को मंजूरी नहीं जा सकी। दो राज्यों ने 22-23 सितंबर को हुई काउंसिल की पहली बैठक में सेवा कर के 11 लाख करदाताओं के संबंध में हुए फैसले पर असहमति जताई। इसके चलते मिनट्स को मंजूरी नहीं दी जा सकी। काउंसिल की अगली बैठक 18 से 20 अक्टूबर को होगी। इसमें जीएसटी की दरों पर विचार किया जाएगा।

काउंसिल की दूसरी बैठक

निर्णय

1. जीएसटी के पंजीकरण, भुगतान, रिफंड, रिटर्न और इनवॉयस के संबंध में नियमों को मंजूरी

2. जीएसटी लागू होने पर समाप्त होंगी कर छूटें, राज्य अपने बजट लौटा सकेंगी छूट प्राप्त उद्योग को कर राशि

अनिर्णय

1. राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति के संबंध में सहमति नहीं

2. सेवा कर को लेकर भी राज्यों की राय जुदा

3. जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में हुए निर्णयों की मिनट्स को मंजूरी नहीं मिली

आगे का रास्ता

1. जीएसटी काउंसिल की तीसरी बैठक 18 से 20 अक्टूबर तक होगी

2. इस बैठक में जीएसटी की दरें तय की जाएंगी

3. 22 नवंबर से पहले काउंसिल जीएसटी के तीन विधेयकों का मसौदा तैयार कर लेगी

कार के इंश्योरेंस प्रीमियम करना चाहते हैं कम, तो यह है तरीका

महंगा सौदा है मोटर बीमा नहीं करवाना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.