टैक्स चोरी को लेकर विदेशी कंपनियां निगरानी के दायरे में
देश में कारोबार संचालन कर रही विदेशी कंपनियों की टैक्स देनदारी को लेकर आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। कुछ कंपनियों की तरफ से देय कर के भुगतान में विफल रहने के बाद अब विभाग ने सभी विदेशी कंपनियों की निगरानी व्यवस्था को और चौकस कर दिया है। देश में वर्तमान
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में कारोबार संचालन कर रही विदेशी कंपनियों की टैक्स देनदारी को लेकर आयकर विभाग सक्रिय हो गया है। कुछ कंपनियों की तरफ से देय कर के भुगतान में विफल रहने के बाद अब विभाग ने सभी विदेशी कंपनियों की निगरानी व्यवस्था को और चौकस कर दिया है।
देश में वर्तमान में करीब 8,354 विदेशी कंपनियों का कर आकलन किया जा रहा है। आयकर विभाग के विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के दायरे में आने वाली इन सभी कंपनियों का ब्योरा इकट्ठा किया जा रहा है। लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्रालय ने माना है कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां कुछ कंपनियां अपनी कर देनदारी चुकाने में विफल रही हैं। इनका कंपनीवार और वर्षवार ब्योरा एकत्रित किया जा रहा है।
सरकार का मानना है कि खजाने में राजस्व का नुकसान न हो, इसके लिए कर भुगतान में विफल रहने वाली विदेशी कंपनियों के खिलाफ आवश्यकतानुसार आयकर अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके तहत आमतौर पर कंपनियों के खातों का आकलन और कर योग्य आमदनी का पुन: आकलन, जुर्माना लगाने की कार्रवाई शुरू करना और कंपनियों से देय कर का भुगतान सुनिश्चित कराने की कार्रवाई करना शामिल है। यह शक होने पर कि कंपनी कर भुगतान से बचने को अपनी कोई संपत्ति बेच सकती है, या राशि भारत से बाहर भेज सकती है, तो इसे रोकने के लिए सरकार ऐसी संपत्तियों की कुर्की भी कर सकती है।
आयकर विभाग के मुंबई क्षेत्र में आकलन के दायरे में आने वाली सर्वाधिक 5,334 विदेशी कंपनियां हैं। इसके बाद दिल्ली का स्थान है, जहां विदेशी कंपनियों की संख्या 1,499 है। विदेशी कंपनियों पर टैक्स को लेकर सरकार वैसे भी वोडाफोन और नोकिया जैसे मामलों के विवाद में फंसने के बाद ज्यादा सतर्क है। सरकार इन कंपनियों को आकलन के दायरे में लाकर यह संकेत कतई नहीं देना चाहती कि वो विदेशी कंपनियों को किसी खास वजह से लक्ष्य कर रही है।