केंद्रीय कैबिनेट ने दी बिजली कंपनियों को ज्यादा आजादी
देश में बिजली की लागत कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू ब्लाकों से निकाले गये कोयला के इस्तेमाल में बिजली कंपनियों को ज्यादा आजादी दे दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली ।देश में बिजली की लागत कम करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने घरेलू ब्लाकों से निकाले गये कोयला के इस्तेमाल में बिजली कंपनियों को ज्यादा आजादी दे दी है। नए फैसले के मुताबिक राज्य अपनी बिजली कंपनियों को आवंटित तमाम कोयला ब्लाकों के इस्तेमाल को लेकर अब ज्यादा प्रायोगिक तरीका अपना सकती हैं। राज्यों की बिजली कंपनियां या निजी बिजली कंपनियां अपने तमाम आवंटित कोयला ब्लाकों को एक साथ एकत्रित कर उनके इस्तेमाल की समग्र नीति बना सकती हैं। आज कैबिनेट की बैठक में इस बारे में फैसला हुआ।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बिजली व कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अगर इस फैसले को सही तरीके से लागू किया जाए तो देश में बिजली की लागत में 40 से 50 पैसे प्रति यूनिट की कमी हो सकती है। बिजली कंपनियां इस फैसले से अगले तीन से चार वर्षो में 25 हजार करोड़ रुपये की बचत कर सकती हैं। कोयला इस्तेमाल को लेकर राजग सरकार की तरफ से हाल के महीनों में उठाये गये कदमों की श्रृंखला में यह नया कदम है। इसके पहले बिजली कंपनियों को कोयला ब्लाकों का आपस में हस्तांतरण की अनुमति दी जा चुकी है।
बहरहाल, आज जो फैसला हुआ है उसका मतलब यह हुआ कि अगर उत्तर प्रदेश राज्य को विभिन्न बिजली परियोजनाओं के लिए देश भर में अलग अलग जगहों पर छह कोयला ब्लाक दिए गए हैं तो अब राज्य सरकार इन सभी कोयला ब्लाकों से निकाले गये कोयले के इस्तेमाल को लेकर समग्र नीति बना सकती है। यह जरुरी नहीं होगा कि जिस बिजली प्लांट के लिए कोयला ब्लाक आवंटित हुआ है उसी में उसका कोयला इस्तेमाल हो। राज्य सरकार या बिजली कंपनियां अपनी सुविधा और लागत कम करने के उद्देश्य से किस ब्लाक का कोयला कहां इस्तेमाल करना है, इसका फैसला कर सकती हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि देश के कई सक्षम बिजली प्लांट आज कोयले की कमी से जूझ रही हैं जबकि कई बिजली प्लांटों के पास जरुरत से ज्यादा कोयला पड़ा हुआ है। आज के फैसले के बाद इनके बीच बेहतर तालमेल हो सकेगा।
उप्र में एनएस-54 को 28 अरब रुपये
इसके साथ ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की अलग बैठक में लखनऊ से सुल्तानपुर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-54 को चार लेन में तब्दील करने के लिए 2844.72 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस सड़क मार्ग की कुल लंबाई 128 किलोमीटर होगी। साथ ही कैथलीघाट से शिमला (हिमाचल प्रदेश) के बीच दो लेन बाइपास के निर्माण के लिए 1583.18 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस बाइपास की कुल लंबाई 22 किलोमीटर होगी।