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केरोसिन में भी सीधे सब्सिडी शीघ्र

डीबीटीएल यानी एलपीजी ग्राहकों के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी देने की योजना की अपार सफलता को देखते हुए सरकार अब ज्यादा दिनों तक केरोसिन सब्सिडी को लेकर गफलत में नहीं रहना चाहती।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 09:47 PM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 09:50 PM (IST)

नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। डीबीटीएल यानी एलपीजी ग्राहकों के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी देने की योजना की अपार सफलता को देखते हुए सरकार अब ज्यादा दिनों तक केरोसिन सब्सिडी को लेकर गफलत में नहीं रहना चाहती।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलपीजी सब्सिडी की तर्ज पर ही केरोसिन सब्सिडी को भी सीधे बैंक ग्राहकों के खाते में देने का निर्देश दिया है। एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खाते में देने की योजना 'पहल' की जब पीएम ने शनिवार को समीक्षा की तभी केरोसिन सब्सिडी भी सीधे जनता के हाथों में देने का काम शुरू करने की मंशा जताई। इस महीने के अंत में पेश होने वाले आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बारे में स्पष्ट घोषणा करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक राज्यों से पूरा समर्थन नहीं मिलने की वजह से पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय सीधे बैंक खाते में केरोसिन सब्सिडी देने को लेकर दुविधा में था। वजह यह थी कि पिछले वर्ष ही राजग सरकार ने हर राज्य में प्रायोगिक तौर पर सीधे बैंक खाते में केरोसिन सब्सिडी देने का फैसला किया था। लेकिन दिसंबर, 2014 तक सिर्फ तीन राज्यों की तरफ से प्रायोगिक योजना चलाने में रुचि दिखाई गई थी।

वैसे, हामी 11 राज्यों ने भरी थी लेकिन काम सिर्फ तीन राज्यों (गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान) में ही शुरू हो सका था। सरकार को इस बात की आशंका है कि मिलावट करने वालों की मिली भगत की वजह से अधिकांश राज्यों की तरफ से केरोसिन सब्सिडी को रोकने की कोशिश नहीं की जा रही है।

बहरहाल, अब एलपीजी की तरह ही चरणबद्ध तरीके से देश भर में केरोसिन सब्सिडी का पैसा आम जनता के हाथों में देने की योजना लागू की जाएगी।

एलपीजी सब्सिडी देने की योजना पहल का ही विस्तार कर इसके साथ केरोसिन को जोड़ने की तैयारी है। दरअसल, एलपीजी सब्सिडी सीधे ग्राहकों के हाथ में देने की योजना (डीबीटीएल) से सरकार को दोहरा लाभ हो रहा है। एक तो ग्राहकों को सीधे बैंक खाते में एलपीजी की सब्सिडी नकद में मिल रही है।

दूसरा गलत नामों पर एलपीजी सिलेंडर लेने वालों और घरेलू गैस सिलेंडर का वाणिज्यिक इस्तेमाल काफी कम हो गया है।

पहले चरण में देश के 54 जिलों मे डीबीटीएल को लागू किया गया और पिछले तीन महीनों में कुछ जिलों में वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की बिक्री 40 फीसद तक बढ़ गई है। सरकार को आशंका है कि देश में पीडीएस के जरिये वितरित होने वाले केरोसिन का एक बड़ा हिस्सा मिलावट करने वालों के हाथ लग रहा है। वर्ष 2014-15 में केरोसिन सब्सिडी के 28 हजार करोड़ रुपये रहने के आसार हैं।

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