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काले धन की रोकथाम में उठ सकते हैं कुछ और कदम

देश में काले धन की अर्थव्यवस्था समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार कुछ और कदम उठा सकती है। इस बात के संकेत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ईमानदार करदाताओं को आश्वस्त किया कि काला धन कानून से उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। इसका डर सिर्फ उन

By Manoj YadavEdited By: Published: Mon, 25 May 2015 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 08:37 PM (IST)
काले धन की रोकथाम में उठ सकते हैं कुछ और कदम

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में काले धन की अर्थव्यवस्था समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार कुछ और कदम उठा सकती है। इस बात के संकेत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ईमानदार करदाताओं को आश्वस्त किया कि काला धन कानून से उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। इसका डर सिर्फ उन लोगों के मन में है जो कर चोरी कर काले धन का निर्माण करते हैं।

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काले धन की समानांतर अर्थव्यवस्था

वित्त मंत्री ने आयकर अधिकारियों से काले धन की समानांतर अर्थव्यवस्था को सही तरीके से कुचलने की कार्रवाई करने को कहा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि इस समानांतर अर्थव्यवस्था को बेहद सावधानी से कुचलने की जरूरत है। इसके लिए कठोर कदम उठें, लेकिन तरीका बहुत अधिक कटु नहीं होना चाहिए। वित्त मंत्री ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी होने के नाते यह काम करते समय आपको ईमानदारी के सर्वश्रेष्ठ स्तर को बरकरार रखना है।

विदेश में जमा कालेधन को वापस लाने से जुड़े नए कानून के संबंध में जेटली ने कहा किसी ईमानदार करदाता को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसके निशाने पर सिर्फ वे हैं जिन्होंने विदेश में काला धन जमा किया है, या जो कानून के अनुपालन की अनिवार्यता की उपेक्षा करना चाहते हैं।

कर आधार बढ़ाने की जरूरत

वित्त मंत्री ने कर अधिकारियों से कहा कि हर नेक मंशा वाला सलाहकार आपसे कहेगा कि कर का आधार बढ़ना चाहिए। काला धन खत्म किया जाना चाहिए। साथ ही यदि आप ऐसा करने के लिए कदम उठाते हैं तो आपको उन सख्त कार्रवाई पर तंज भी सुनने होते हैं। जेटली ने कहा कि सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए कई पहल की हैं। इनमें संसद द्वारा काला धन कानून पारित करना और घरेलू गैरकानूनी संपत्ति से निपटने के लिए बेनामी सौदा (निषेध) अधिनियम का पेश किया जाना शामिल है।

वित्त मंत्री ने बताया कि विभाग ऐसी नीति लेकर आ रहा है जिसमें कार्रवाई से पहले विदेश में संपत्ति रखने वालों को उसकी घोषणा करने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए सरकार एक विशेष व्यवस्था करने जा रही है। लिहाजा नए कानून से केवल उन्हीं लोगों को डरने की जरूरत है जो विदेश में रखी अपनी संपत्ति की घोषणा करने को अभी भी तैयार नहीं है।

कर राजस्व में हो वृद्धि

वित्त मंत्री ने आयकर अधिकारियों को राजस्व में वृद्धि के उपाय करने की भी हिदायत दी। कर राजस्व में वृद्धि होगी तो सरकार की कार्यक्षमता का भी विस्तार होगा। जेटली बोले कि कर राजस्व बढ़ाकर सरकार सिर्फ राजकोषीय स्थिति नहीं सुधारना चाहती। बल्कि सरकार के पास यदि बेहतर वित्तीय संसाधन होंगे तो सामाजिक सुरक्षा और विकास की स्कीमों पर ज्यादा खर्च किया जा सकेगा।

जीएसटी से होगा फायदा

अप्रत्यक्ष कर के बारे में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस कानून पर काफी काम हो चुका है, कुछ बाकी है। हमें कुछ ही महीनों में इस काम को पूरा करना है। राज्यसभा की प्रवर समिति के पास इस विधेयक के अगले सत्र में पारित हो जाने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य जीएसटी को देश भर में पहली अप्रैल 2016 से लागू करना है।


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