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मारन ने अजय को सौंपा स्पाइसजेट का स्वामित्व

संकटग्रस्त बजट एयरलाइन स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर अजय सिंह ने सन ग्रुप के चेयरमैन कलानिधि मारन की हिस्सेदारी खरीद स्वामित्व व प्रबंधन हासिल कर लिया है। अजय ने मारन व उनकी फर्म काल एयरवेज से 53.5 फीसद इक्विटी 500 करोड़ रुपये में खरीदी है। इसी के साथ स्पाइसजेट में अजय

By Sudhir JhaEdited By: Published: Thu, 15 Jan 2015 09:29 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jan 2015 09:42 PM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संकटग्रस्त बजट एयरलाइन स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर अजय सिंह ने सन ग्रुप के चेयरमैन कलानिधि मारन की हिस्सेदारी खरीद स्वामित्व व प्रबंधन हासिल कर लिया है। अजय ने मारन व उनकी फर्म काल एयरवेज से 53.5 फीसद इक्विटी 500 करोड़ रुपये में खरीदी है। इसी के साथ स्पाइसजेट में अजय की हिस्सेदारी 4.5 से बढ़कर 58 फीसद हो गई है। वैसे सन गु्रप अब भी 10 फीसद वारंट के परिवर्तन के जरिये एयरलाइन में 80 करोड़ का निवेश करेगा। इस खबर के साथ स्पाइसजेट का शेयर 55 पैसे बढ़कर 18.65 रुपये पर बंद हुआ। फिलहाल स्पाइसजेट का बाजार पूंजीकरण करीब 1,000 करोड़ रुपये है।

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स्पाइसजेट की ओर से जारी बयान के मुताबिक, 'इसी के साथ बोर्ड ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह इस निर्णय के बारे में विमानन मंत्रालय को सूचित करते हुए आवेदन करे। स्पाइसजेट लिमिटेड के पुनर्गठन, स्वामित्व व प्रबंधकीय नियंत्रण में परिवर्तन तथा पुनरुद्धार के बारे में अन्य सभी आवश्यक व उपयुक्त कदम उठाए।' सन ग्रुप के सीएफओ एसएल नारायण ने कहा कि ग्रुप अपनी पूरी 53.5 फीसद इक्विटी अजय सिंह को ट्रांसफर करेगा। मगर वारंट कन्वर्जन के जरिये एयरलाइन में सन ग्रुप एक छोटा निवेशक (10 फीसद) बना रहेगा।

मारन ने वर्ष 2010 में 750 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदकर स्पाइसजेट का स्वामित्व हाथ में लिया था। उस समय स्पाइसजेट के पास 450 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व था। मगर अगले तीन सालों में कंपनी का क्रमिक रूप से ह्रास होता गया। कंपनी न केवल घाटे में चली गई, बल्कि उस पर भारी कर्ज भी हो गया। पिछले दो महीनों से कंपनी के समक्ष नकदी का घोर संकट पैदा हुआ। उसके लिए कर्मचारियों का वेतन देना भी मुहाल हो गया। नवंबर और दिसंबर का वेतन देने में उसे खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस बीच स्पाइसजेट के अनेक पायलट व क्रू सदस्य नौकरी छोड़कर चले गए।

एयरलाइन ने अपने विमानों व उड़ानों की संख्या सीमित कर दी। ऐसे में पूर्व प्रमोटर अजय सिंह ने स्पाइसजेट का स्वामित्व पुन: हाथ में लेने की रुचि जाहिर करते हुए विमानन मंत्री व अधिकारियों से कई मुलाकातें कीं। इनमें सिंह ने पुनर्गठन योजना के संभावित प्रारूपों पर चर्चा की। इस दौरान मंत्रालय की ओर से स्पाइसजेट को कुछ समय के लिए तेल कंपनियों का बकाया तथा एयरपोर्ट अथॉरिटी का लैंडिंग, पार्किंग, रूट नेवीगेशन शुल्क अदा करने के लिए कर्ज लेने की छूट भी दी गई।

सेबी से किया छूट देने का आग्रह

मंगलवार को उन्होंने पूंजी बाजार नियामक सेबी के अधिकारियों के साथ मुलाकात कर इसे पुख्ता रूप दिया था। समझा जाता है कि अजय ने सेबी अधिकारियों से ओपन ऑफर से छूट देने की अपील की थी। अब वह सभी शेयर धारकों के साथ मिलकर नियामक से यही अनुरोध कर सकते हैं। यदि इसके बावजूद सेबी ओपन ऑफर पर जोर देता है तो अन्य निवेशकों को स्पाइसजेट की 26 फीसद इक्विटी (लगभग 250 करोड़ रुपये) खरीदनी पड़ेगी।

छंटनी के भी दिए संकेत

स्पाइसजेट के सीओओ संजीव कपूर का कहना था कि अभी कुछ कदम उठाए जाने बाकी हैं। स्वामित्व बदलने से लीजिंग संबंधी कुछ अनुबंध नए सिरे से करने होंगे। इसी के साथ आज कंपनी ने स्वामित्व परिवर्तन का एलान कर दिया। हालांकि सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अपने कर्मचारियों की छंटनी के संकेत दिए हैं।

पढ़ेंः स्पाइस जेट के पुनरुद्धार पर संशय के बादल


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