शिवराज सिंह का दावा, एमपी को मिले 5.50 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को घोषणा की है कि प्रदेश को कुल 2628 प्रपोजल मिले हैं
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को घोषणा की है कि प्रदेश को कुल 2628 प्रपोजल मिले हैं। सरकार ने यह घोषणा इंदौर में हुए पांचवे ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (22 और 23 अक्टूबर) में की है।
श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेहतर नेतृत्व और जनकेन्द्रित नीतियों से विकास हुआ है। प्रदेश की विकास दर लगातार 10 प्रतिशत से अधिक रही है। भारत को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिये मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, क्लीन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्टेण्डअप इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसे कार्यक्रम शुरू किये गये हैं। विश्व बैंक ने भारत को सबसे अधिक खुली अर्थव्यवस्था बताया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को वर्ष 2016-17 के लिये विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था बताया है। जीएसटी को 23 राज्यों में पारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद 55.5 मिलियन डॉलर का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आया है, जो पिछले वर्ष की तुलना मे 53 प्रतिशत अधिक है। विदेश मंत्रालय ने ई-वीजा योजना लागू की है। राज्यों में विदेशी पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिये अलग से स्टेट डिवीजन बनाया है। मध्यप्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश में केन्द्रीय विदेश मंत्रालय पूरी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि 25 मिलियन अप्रवासी भारतीय भारत के विकास में योगदान दे रहे हैं। उन्हें संवाद का मंच उपलब्ध कराने के लिये प्रवासी भारतीय दिवस 7 जनवरी 2017 को बैंगलोर में आयोजित किया जायेगा।
मध्यप्रदेश बन गया है "मुख्य प्रदेश" – श्री नायडू
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वैंकैया नायडू ने मुख्यमंत्री को समर्पित, डायनामिक और अनुशासित मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ रहा है।
पर्यावरण मंत्रालय से उद्योगों मिलेगी अविलम्ब स्वीकृति – श्री दवे
केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि जंगल को भी उदयोग की नजरिये से देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा की मध्यप्रदेश की वन संपदा अद्भुत और विशाल है। यहां घास और बांस ऐसी उपज है जिनका औदयोगिक मूल्य है। उद्योग को अनुसंधान पर भी ध्यान देना चाहिये ताकि देशज परिस्थितियों के हिसाब से पेटेंट उपलब्ध हो सके। उन्होने कहा कि वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उदयोगों को 120 दिन में स्वीकृति दे रहा है। इससे भी कम दिनों में स्वीकृतियां देने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि उदयोगों को वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन पर भी ध्यान देने की जरूरत है।