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सहारा को तीन महीने की मोहलत

सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को अपने प्रमुख सुब्रत राय व दो निदेशकों की जमानत के लिए रकम के बंदोबस्त का अंतिम मौका दिया है। इसके लिए समूह को तीन महीने का वक्त मिला है। समूह को जमानत के लिए दस हजार करोड़ रुपये की राशि जमा करनी है। 2008-09

By Edited By: Published: Mon, 23 Mar 2015 08:14 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 12:37 AM (IST)
सहारा को तीन महीने की मोहलत

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को अपने प्रमुख सुब्रत राय व दो निदेशकों की जमानत के लिए रकम के बंदोबस्त का अंतिम मौका दिया है। इसके लिए समूह को तीन महीने का वक्त मिला है। समूह को जमानत के लिए दस हजार करोड़ रुपये की राशि जमा करनी है। 2008-09 में निवेशकों से जुटाए गए धन के आंशिक भुगतान के लिए यह रकम बाजार नियामक सेबी को सुपुर्द की जानी है। शीर्ष न्यायालय ने राय को तिहाड़ जेल कॉम्पलेक्स में कॉन्फ्रेंस रूम के उपयोग के लिए समय सीमा को भी बढ़ा दिया है।

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जस्टिस टीएस ठाकुर, अनिल आर दवे व एके सीकरी की बेंच ने समूह को देश के भीतर दस और संपत्तियों को बेचने की भी इजाजत दी है। समूह के लिए हांगकांग की नुआम फाइनेंशियल सर्विसेज 650 करोड़ रुपये जुटाएगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा को शर्त के साथ अपनी एम्बी वैली प्रॉपर्टी के कुछ हिस्से को भी बेचने की रजामंदी दी। यदि वह दस संपत्तियों की बिक्री से रकम नहीं जुटा पाएगा, तभी वह इसका सौदा करेगा।

13 मार्च को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को कहा था कि यदि वह पुख्ता सबूत लेकर आए तो वह उसे रकम जुटाने की खातिर तीन माह की मोहलत भी दे सकता है। समूह की कोशिशों से संतुष्ट होकर ही उसे यह मौका दिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्त कपिल सिब्बल ने सहारा की ओर से रकम जुटाने के लिए प्रस्ताव का खाका पेश किया।

इसके अंतर्गत नुआम को स्पेन के बैंक बीबीवीए से 90 करोड़ यूरो की नकद राशि मिलेगी। यह राशि बैंक ऑफ चाइना के कर्ज के भुगतान में उपयोग होगी। विदेशी होटलों में हिस्सेदारी की खरीद के एवज में यह राशि बैंक ने सहारा को दी थी। निवेश कंपनी नुआम अतिरिक्त 650 करोड़ रुपये का भी इंतजाम करेगी।

कोर्ट ने दोहराया कि फिर भी अगर सहारा समूह रकम नहीं जुटा पाता है तो नीलामी के लिए रिसीवर नियुक्त करने का विकल्प अपनाना पड़ेगा। उसने मिराच कैपिटल को समूह के विदेश स्थित तीन होटलों की एकमुश्त खरीद के प्रस्ताव के संबंध में आवेदन दाखिल करने की भी इजाजत दी है। इनमें से एक लंदन व दो न्यूयॉर्क में हैं। कोर्ट में मिराच की पैरवी पी. चिदंबरम कर रहे हैं, जबकि सहारा समूह के वकील कपिल सिब्बल हैं। दोनों ही संप्रग सरकार में मंत्री थे।

पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को दिया अंतिम मौका


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