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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जल्द जारी करेगा 6 लाख नए एटीएम कार्ड

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) जल्द 6 लाख नए एटीएम कार्ड जारी करेगा। ये नए एटीएम उन ग्राहकों के लिए होंगे जिनके कार्डस की जानकारी लीक होने का अंदेशा है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 30 Oct 2016 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 31 Oct 2016 06:26 PM (IST)

नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) जल्द 6 लाख नए एटीएम कार्ड जारी करेगा। ये नए एटीएम उन ग्राहकों के लिए होंगे जिनके कार्डस की जानकारी लीक होने का अंदेशा है। गौरतलब है कि हाल ही में मालवेयर वायरस के चलते व्हाइट लेवल एटीएम से लाखों एटीएम कार्ड की जानकारी लीक होने के कारण एसबीआई ने देशभर में अपने 6 लाख ग्राहकों के एटीएम कार्ड ब्लॉक कर दिए थे।

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देश में पहली बार रिप्लेस होंगे इतने सारे एटीएम:

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब देश के किसी बैंक को इतनी बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड्स बदलने का फैसला करना पड़ा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कॉर्पोरेट स्ट्रैटजी ऐंड न्यू बिजनस के डेप्युटी एमडी मंजू अग्रवाल ने कहा, '26 अक्टूबर तक ब्लॉक किए गए कुल कार्ड्स के 95 फीसदी को जारी किया जा चुका है। बाकी कार्ड्स के लिए ग्राहकों की जानकारी जुटा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह संबंधित शाखा में अपनी जानकारी नहीं दे पाए हैं। ऐसे ग्राहक सीधे ब्रांच में संपर्क कर सकते हैं और अपनी पूरी जानकारी देकर नया कार्ड ले सकते हैं।'

जानिए क्या होता है व्हाइट लेबल एटीएम:

गैर बैंकिंग निकाय की ओर से लगाए गए और चलाए जाने वाले एटीएम को व्हाइट लेबल एटीएम कहते हैं। यानी इन एटीएम मशीनों पर सारी सहूलियतें तो होती हैं लेकिन इन पर किसी बैंक का लेबल नहीं लगा होता है।
सामान्य एटीएम मशीन में दो पक्ष होते हैं-

1. पहला पक्ष बैंक होता है जिसका यह एटीएम होता है। वह इसको स्थापित करने के साथ साथ इसका मालिकाना हक भी रखता है। वह इसे परिचालित भी करता है।
2. दूसरा पक्ष अधिकृत पेमेंट नेटवर्क ऑपरेटर यानी वीजा या मास्टर कार्ड होता है।
व्हाइट लेबल एटीएम:

वहीं व्हाइट लेबल एटीएम में तीन पक्ष शामिल होते हैं-

1. एक गैर बैंकिंग निकाय जो इसे लगाता है।
2. इसका मालिकाना हक रखने वाला पक्ष।
3. तीसरा इसे संचालित करने वाला पेमेंट नेटवर्क।

स्पांसर बैंक इसमें कैश मैनजमेंट का काम देखेगा। साथ ही उसे फंड सेटलमेंट और कस्टमर की शिकायत से जुड़े तंत्र को संभालना होगा और वही अधिकृत पेमेंट नेटवर्क का भी काम देखेगा।


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