कालाधन: बाजार मूल्य के हिसाब से होगा टैक्स और जुर्माना
विदेश में अघोषित संपत्ति का खुलासा करने पर अचल संपत्ति, ज्वैलरी, शेयर और कलाकृतियों पर उचित बाजार मूल्य पर टैक्स और जुर्माने का भुगतान करना होगा। इसके अलावा विदेशी बैंक खातों का ब्योरा देते वक्त खाता खुलने से लेकर अभी तक के सभी तरह के डिपॉजिट का कुल जोड़ बताना
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। विदेश में अघोषित संपत्ति का खुलासा करने पर अचल संपत्ति, ज्वैलरी, शेयर और कलाकृतियों पर उचित बाजार मूल्य पर टैक्स और जुर्माने का भुगतान करना होगा। इसके अलावा विदेशी बैंक खातों का ब्योरा देते वक्त खाता खुलने से लेकर अभी तक के सभी तरह के डिपॉजिट का कुल जोड़ बताना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने नए काला धन कानून के तहत शुक्रवार को नियम जारी कर दिए।
इस स्कीम के लिए नए काला धन कानून के नियम पहली जुलाई से लागू हो गए हैं। इन नियमों के मुताबिक विदेश में अघोषित संपत्ति व बैंक खातों में जमा धन का ब्योरा देने वालों को 90 दिन के भीतर तयशुदा फॉर्मेट में जानकारी देनी है। संपत्ति का मूल्य रुपये में बताना होगा। इसके लिए सरकार ने 30 सितंबर तक तीन महीने का समय दिया है। इस अवधि में खुलासा करने वालों को 31 दिसंबर तक तीस फीसद की दर से टैक्स और इतनी ही पेनाल्टी का भुगतान करना होगा। इस अवधि के बाद नए कानून के मुताबिक विदेश में संपत्ति या बैंक खातों का पता लगने पर 120 फीसद की दर से टैक्स और जुर्माना भरना होगा। यह स्कीम उन लोगों पर लागू नहीं होगी, जिन्हें आयकर विभाग 30 जून तक नोटिस दे चुका है।
वैल्यूएशन का नियम
सीबीडीटी ने नियमों में स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी अचल संपत्ति की उचित बाजार कीमत उसके खरीद मूल्य से अधिक होगी। यही नियम ज्वैलरी, सोना-चांदी, कीमती पत्थर, ड्राइंग, पेंटिंग, पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण वस्तुओं का उचित बाजार मूल्य निकालने के लिए लागू होगा। जहां तक शेयर और प्रतिभूतियों के उचित बाजार मूल्य के आकलन का प्रश्न है, यह खरीद मूल्य से अधिक, न्यूनतम कीमत का औसत मूल्य या वैल्यूएशन के दिन की अधिकतम कीमत हो सकती है।
सात तरह के फॉर्म भी जारी
नए नियमों के साथ-साथ सीबीडीटी ने सात तरह के फॉर्म भी जारी किए हैं। इन फॉर्मो में विदेश में अघोषित संपत्ति या बैंक खातों का ब्योरा देना होगा। लोगों को अपनी संपत्ति के स्थान, उचित बाजार मूल्य और उसे खरीदने की तारीख की भी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। जहां तक ज्वैलरी का सवाल है, खुलासा करने वालों को उसकी शुद्धता, मात्रा और सोना, चांदी, हीरा समेत अन्य कीमती धातुओं के मूल्य की जानकारी देनी होगी। खुलासे में शामिल संपत्ति अथवा कीमती सामान की वैल्यू को भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करने के लिए रिजर्व बैंक के रेफरेंस रेट को आधार बनाना होगा। यह रेफरेंस रेट उस रोज का होगा, जिस दिन उसका वैल्यूएशन किया जा रहा है।
नियमों के मुताबिक जो व्यक्ति विदेशों में अघोषित संपत्ति अथवा बैंक खातों का विवरण दे रहा है, उसके पास पैन कार्ड होना आवश्यक है। यदि घोषणा करते समय उसके पास पैन कार्ड नहीं है तो उसे पहले इसके लिए आवेदन करना होगा।