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आरबीआई के पास सरकार को ना कहने की स्वायत्ता बनी रहनी चाहिए : राजन

राजन ने कहा कि सेंट्रल बैंक सरकार के सभी बंधनों से मुक्त नहीं हो सकता क्योंकि सेंट्रल बैंक को सरकार द्वारा तय की गई सीमाओं में ही काम करना होता है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 03 Sep 2016 04:18 PM (IST)Updated: Sun, 04 Sep 2016 01:51 PM (IST)

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि रिजर्व बैंक के पास सरकार के सर्वोच्च नेता या विभाग के किसी फैसले को ना कहने का अधिकार है और इन अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि देश को एक मजबूत और स्वतंत्र सेंट्रल बैंक की जरूरत है।

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सेंट्रल बैंक की स्वायत्ता के मुद्दे पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में व्याख्यान देने पहुंचे राजन ने कहा कि सेंट्रल बैंक सरकार के सभी बंधनों से मुक्त नहीं हो सकता क्योंकि सेंट्रल बैंक को सरकार द्वारा तय की गई सीमाओं में ही काम करना होता है।

पॉलिसी में होने वाले बदलावों को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक के बीच मतभेदों को लेकर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी सुब्बारॉव का जिक्र करते हुए राजन ने कहा कि वो इस विषय पर थोड़ा और आगे बढ़ते हुए उनका मानना है कि रिजर्व बैंक सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है इसलिए रिजर्व बैंक के पास ना कहने का अधिकार है और आगे भी रिजर्व बैंक के इस अधिकार को संरक्षण मिलना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि रिजर्व बैंक के पास परिचालन संबंधी निर्णय लेने का भी अधिकार होना चाहिए।

पढ़ें- रघुराम राजन चाहते थे दूसरा कार्यकाल, सरकार से नहीं हो पाया समझौता


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