कच्चे तेल की कीमतों में उबाल, प्रोडक्शन घटाने के लिए ओपेक देश सहमत
पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) पिछले आठ वर्षों में पहली बार क्रूड प्रोडक्शन घटाने पर राजी हुए हैं
नई दिल्ली। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) पिछले आठ वर्षों में पहली बार क्रूड प्रोडक्शन घटाने पर राजी हुए हैं। यह सहमति ग्लोबल स्तर पर प्रोडक्शन घटाकर कीमतों को सपोर्ट देने के लिए बनाई जा रही है। ओपेक के सदस्यों में अल्जीरिया, अंगोला, इक्वारडोर, ईरान, ईराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कतर, साऊदी अरब, यूनाइटेड अरब अमीरात और वेनेजुएला जैसे देश शामिल हैं। ओपेक रोजाना 750,000 बैरल तेल प्रोडक्शन कम करने के लिए सहमत हो गए हैं। इस खबर के आते ही क्रूड ऑयल की कीमतों में 5 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। बीते दो वर्षों से ग्लोबल मार्केट में ओवरसप्लाई की वजह से क्रूड की कीमतों में लगातार गिरावट बनी हुई थी। वहीं, ईरान और सऊदी अरब प्रोडक्शन कम पर सहमत नहीं हो रहे थे। बाजार को उम्मीद थी कि अल्जीरिया की राजधानी अल्जीयर्स में होने वाली ओपेक की यह बैठक भी बीते वर्षों की तरह इस बार भी बिना किसी नतीजे के खत्म हो जाएगी। लेकिन इस बार लगातार तेल कीमतों में गिरावट के कारण कई तेल उत्पादक देशों की अर्थव्यवस्था संकट में आ गई है।
ओपेक के सदस्य देश जो कि दुनिया में पैदा होने वाले कुल क्रूड ऑयल का 40 फीसदी हिस्सा उत्पादित करते हैं उन्होंने अपना प्रोडक्शन घटाकर 3.25 करोड़ बैरल प्रति दिन करने की सहमति जताई है। ब्लूरमबर्ग ने यह खबर सदस्य देशों के एक सूत्र के हवाले से दी है। खबर के मुताबिक ओपेक की बैठक आज सुबह अल्जीरिया की राजधानी अल्जियर्स में शुरू हुई और सदस्य देशों के बीच तेल उत्पादन में कटौती करने पर सहमति बनी है। इस कटौती का उद्देश्य तेल की कीमतों को बढ़ावा देना है जो कि वर्ष 2014 के मध्य के बाद से अब तक घटकर करीब आधी रह गई हैं।
तीन देशों ईरान, नाइजीरिया और लीबिया को इस प्रोडक्शन कटौती से बाहर रखा गया है। ईरान से इस साल ही आर्थिक प्रतिबंध हटे हैं, जबकि नाईजीरिया और लीबिया में इस साल आतंकवादियों ने तेल के ठिकानों को काफी नुकसान पहुंचाया था।
लंदन बें्क पर ब्रेंट क्रूड 2.72 डॉलर घटकर 48.69 डॉलर प्रति बैरल और न्यूयॉर्क में वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट(डब्ल्यूटीआई) पर क्रूड 2.38 फीसदी घटकर 47.05 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।