बाजार में रहेगा उतार-चढ़ाव
नई दिल्ली। देश भर में सामान्य से कम बारिश को लेकर बढ़ती चिंता और कंपनियों के तिमाही नतीजों के बीच दलाल स्ट्रीट में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है। बीते सप्ताह संप्रग सरकार में सहयोगियों के बीच उभरे मतभेदों ने आर्थिक सुधारों की उम्मीद लगाए निवेशकों को निराश किया। इससे 20 जुलाई को समाप्त सप्ताह में बंबई शे
नई दिल्ली। देश भर में सामान्य से कम बारिश को लेकर बढ़ती चिंता और कंपनियों के तिमाही नतीजों के बीच दलाल स्ट्रीट में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव रहने की आशंका है। बीते सप्ताह संप्रग सरकार में सहयोगियों के बीच उभरे मतभेदों ने आर्थिक सुधारों की उम्मीद लगाए निवेशकों को निराश किया। इससे 20 जुलाई को समाप्त सप्ताह में बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स 0.32 प्रतिशत टूटकर 17158.44 अंक पर बंद हुआ।
जानकारों के मुताबिक, कांग्रेस और कृषि मंत्री शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी के बीच मतभेद बढ़ने के कारण संप्रग के कामकाज को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इससे आर्थिक सुधारों को लेकर बड़े फैसलों की उम्मीदें भी धूमिल होती नजर आ रही हैं। सुधारों के बूते ही बाजार में जान फूंकी जा सकती है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद निवेशकों को डीजल की कीमतों के बढ़ने के साथ खुदरा और एविएशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति जैसे सुधारों का इंतजार है। मानसून पर भी उनकी नजर रहेगी। कम बारिश महंगाई को हवा दे सकती है। नीतिगत ब्याज दरों पर भारतीय रिजर्व बैंक का फैसला महंगाई के आंकड़ों पर जरूर निर्भर करेगा। केंद्रीय बैंक 31 जुलाई को मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा पेश करेगा। गुरुवार को वायदा सौदों के निपटान का अंतिम दिन है। यह भी उठापटक का कारण बन सकता है। बाजार में बीते सप्ताह रही कमजोरी के चलते सेंसेक्स की शीर्ष दस कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण में कमी आई। इस दौरान सॉफ्टवेयर कंपनी टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
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