तीसरे साल भी निवेशकों की गोल्ड ईटीएफ से बेरुखी
लगातार तीसरे साल 2015 के दौरान निवेशक गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में विशुद्ध रूप से बिकवाल ही बने रहे। पिछले पूरे वर्ष 2014 के दौरान कुल 1651 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। वर्ष 2013 के दौरान गोल्ड ईटीएफ से विशुद्ध रूप से 1815 करोड़ रुपये की निकासी
नई दिल्ली। सोने के प्रति निवेशकों की बेरुखी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। लगातार तीसरे साल 2015 के दौरान निवेशक गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में विशुद्ध रूप से बिकवाल ही बने रहे। इस दौरान उन्होंने गोल्ड ईटीएफ से 845 करोड़ रुपये निकाले। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार, गोल्ड ईटीएफ से पैसा निकालने की रफ्तार में चालू वर्ष के दौरान खासी कमी आई है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड (एम्फी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चालू वर्ष के दौरान जनवरी से नवंबर तक गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 845 करोड़ रुपये की निकासी की गई। हालांकि निकाली गई राशि में कमी आई है। पिछले पूरे वर्ष 2014 के दौरान कुल 1651 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। वर्ष 2013 के दौरान गोल्ड ईटीएफ से विशुद्ध रूप से 1815 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी। इससे पहले 2012 ऐसा वर्ष था, जब निवेशकों ने विशुद्ध रूप से लिवाली की थी। उस साल दौरान निवेशकों ने 1826 करोड़ रुपये निवेश किया था।
आंकड़ों के मुताबिक, आलोच्य वर्ष में खुदरा निवेशकों ने शेयर और कर्ज आधारित म्यूचुअल फंडों में ज्यादा पैसा लगाया। शेयर और शेयर आधारित बचत योजनाओं में निवेशकों ने 87000 करोड़ रुपये निवेश किया, जबकि कर्ज आधारित फंडों में 43,656 करोड़ रुपये निवेश किया।
पिछले कुछ वर्षों के दौरान सोने की चमक फीकी पड़ी है, जबकि निवेशकों को शेयरों में बेहतर आय होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। आलोच्य अवधि के दौरान बैं्क बीएसई संवेदी सूचकांक करीब छह फीसदी गिर गया। निचले मूल्य स्तर पर शेयर आकर्षक होने से निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी।
गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की बिकवाली के चलते इस साल नवंबर में इसकी कुल परिसंपत्ति 5830 करोड़ रुपये रह गई, जबकि दिसंबर 2014 में इसकी कुल परिसम्पत्ति 7188 करोड़ रुपये थी। म्यूचुअल फंड सेक्टर में 14 गोल्ड ईटीएफ यानि सोना आधारित योजनाएं उपलब्ध हैं। इन स्कीमों की शुरुआत 2006-07 के दौरान हुई थी।