विकल्पों के चयन का सवाल
कुछ दिनों पहले मेरा ध्यान एक लोकप्रिय सवाल-जवाब वेबसाइट पर, निवेश करने की नई-नई उमंग रखने वाले एक व्यक्ति के सवाल पर गया। कमाई शुरू किए कुछ साल बीतने के बाद अब इस नौजवान को महसूस हो रहा था उसके पास बचत करने के लिए पर्याप्त रकम है लेकिन बचत
कुछ दिनों पहले मेरा ध्यान एक लोकप्रिय सवाल-जवाब वेबसाइट पर, निवेश करने की नई-नई उमंग रखने वाले एक व्यक्ति के सवाल पर गया। कमाई शुरू किए कुछ साल बीतने के बाद अब इस नौजवान को महसूस हो रहा था उसके पास बचत करने के लिए पर्याप्त रकम है लेकिन बचत की शुरुआत कहां से करे इसको लेकर वह संशय में था। हालांकि, दूसरे निष्क्रिय बचतकर्ताओं की तरह वह इस इंतजार में नहीं था कोई आएगा और उसे बताएगा कि निवेश के लिए सही विकल्प क्या हैं, बल्कि सही विकल्पों की परख के लिए उसने मूलभूत जानकारियां हासिल कर ली थीं।
इस नौजवान को पता था कि वह वास्तविक रूप से लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहता है और लंबी अवधि का मतलब 10 से 15 साल है, न कि एक साल की वह अवधि जो कि टैक्स कानूनों के तहत लंबी अवधि मानी जाती है। साथ ही उसे पता था कि उसे इक्विटी में निवेश करना चाहिए क्योंकि वह ऐसे किसी भ्रम में नहीं था कि तयशुदा आय वाले विकल्प महंगाई को बेअसर करने वाला रिटर्न देते हैं और यही एक बात जरूरी है। निवेश के लिए विकल्पों के तौर पर उसके द्वारा तैयार की गई सूची में सक्रिय रूप से प्रबंधित किए जा रहे इक्विटी म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड और ईटीएफ जैसे इक्विटी फंड व कुछ सीधे निवेश के लिए शेयरों के नाम शामिल थे। हालांकि इस बात को लेकर उसका संशय बरकरार था कि उसके उद्देश्य के लिए इनमें से सही विकल्प कौन से होंगे, इसी कारण उसने वेबसाइट पर अपना सवाल रखा था।
वेबसाइटों पर आम तौर पर मिलने वाले जवाबों की तरह इस सवाल पर भी बड़ी संख्या में जवाब मिले। कुछ जवाब गंभीर थे, कुछ कोरी बकवास, कुछ बुद्धिमानी पूर्ण और कुछ सतही। इन जवाबों में निवेश के लगभग सभी मूलभूत आधार पेश किए जा चुके थे। इनमें से जो जवाब गंभीर थे उनमें भी युवक की सूची में शामिल लगभग सभी विकल्पों को सही बताया गया था। कुल मिलाकर स्थिति इंटरनेट पर यह पूछने जैसी रही कि कौन सा फोन, कैमरा या कार खरीद ली जाए।
तो ऐसे में इस नौजवान (और ऐसे अन्य नौजवानों) को क्या करना चाहिए? कौन सा निवेश विकल्प सबसे सही होगा? इसका जवाब यह है कि सवाल ही गलत है। सूची में शामिल हर विकल्प युवक के निवेश उद्देश्य को पूरा कर सकता है। चयन मुख्य रूप से इस आधार पर होना चाहिए कि निवेशक कौन है और क्या है, न कि इस आधार पर कि इन विकल्पों में से कौन श्रेष्ठ है। क्या युवक खुद रिसर्च करके इक्विटी में निवेश कर सकता है? निश्चित रूप से ऐसे अनेकों लोग हैं जो ऐसा करते हैं, लेकिन इसके लिए सीखने के लिए पर्याप्त समय देना होगा, विभिन्न शेयरों में निवेश का अनुभव लेने के लिए धन भी खर्च करना होगा। इसके अलावा उतार-चढ़ाव के समय में अपनी भावनाओं पर काबू करना भी सीखना होगा। ईटीएफ और इंडेक्स फंड ऐसे लोगों के लिए ठीक हैं जो इस बात में संतोष करते हैं कि इक्विटी बाजार में विस्तृत तौर पर जो बढ़त होगी उसी के मुताबिक उन्हें भी रिटर्न मिल जाएगा। वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करने का अवसर रखते हैं इसलिए यह ईटीएफ और इंडेक्स फंडों से ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं। अक्सर ऐसी धारणा सामने आती है कि ईटीएफ और इंडेक्स फंड, इक्विटी म्यूचुअल फंडों से बेहतर परिणाम देते हैं, इस धारणा का स्नोत विभिन्न शोध रहे हैं, जो कि अमेरिका पर केंद्रित रहे हैं। लेकिन भारत के संदर्भ में मेरा और मेरी टीम का पिछले बीस साल का अनुभव यही है कि यह धारणा सही नहीं है।
तो हम देख सकते हैं कि ऐसा कोई सवाल करने का परिणाम अंधों का हाथी वाली कहानी की तरह ही होता है। इसलिए विकल्पों को संकीर्ण नजरिये से स्वीकार या अस्वीकार करने के बजाय विस्तृत नजरिये से पूरे परिदृश्य को ध्यान में रखना जरूरी है। एक विकल्प या विकल्पों के एक समूह का चयन करने के लिए आपको सभी विकल्पों को अच्छी तरह से समझने की जरूरत होती है।
[धीरेंद्र कुमार]