ढांचागत क्षेत्र की वृद्घि की रफ्तार धीमी पड़ी
कोयला, स्टील, तेल व गैस के उत्पादन में गिरावट के चलते इस साल जून महीने में ढांचागत क्षेत्र के उद्योगों की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही। पिछले साल जून में ढांचागत क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। ढांचागत क्षेत्र को सुस्ती से उबारने के लिए सुधारों की प्रक्रिया तेज
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोयला, स्टील, तेल व गैस के उत्पादन में गिरावट के चलते इस साल जून महीने में ढांचागत क्षेत्र के उद्योगों की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही। पिछले साल जून में ढांचागत क्षेत्र की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। ढांचागत क्षेत्र को सुस्ती से उबारने के लिए सुधारों की प्रक्रिया तेज करने तथा ब्याज दरों में कटौती की जरूरत अब बढ़ गई है। ढांचागत क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर मई में 4.4 प्रतिशत थी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रलय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल जून महीने में कच्चे तेल और गैस उत्पादन में 0.7 प्रतिशत और 5.9 प्रतिशत की गिरावट आई। कोयला, स्टील, सीमेंट और बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर भी सुस्त पड़कर क्रमश: 6.3 प्रतिशत, 4.9 प्रतिशत, 2.6 प्रतिशत व 0.2 प्रतिशत रही। इन सभी क्षेत्रों की वृद्धि दर पिछले साल जून में काफी अधिक थी।
ढांचागत क्षेत्र के आठ प्रमुख उद्योगों का देश के कुल औद्योगिक उत्पादन में 38 प्रतिशत योगदान है। मार्च में इन उद्योगों में 0.1 प्रतिशत और अप्रैल में 0.4 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई थी।
अगर तिमाही आधार पर देखें तो चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जून के दौरान इन उद्योगों की विकास दर 2.4 प्रतिशत रही, जबकि पिछले साल यह 6 प्रतिशत थी। हलांकि वर्ष 2014-15 में आठ उद्योगों की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत थी, जबकि उससे एक साल पहले यह 4.2 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक 4 अगस्त को मौद्रिक और ऋणनीति की समीक्षा करेगा। माना जा रहा है कि आरबीआइ ढांचागत क्षेत्र को सुस्ती से उबारने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। वैसे आरबीआइ 2015 में अब तक तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है। साथ ही सुधारों की प्रक्रिया भी तेज करने की मांग भी उठनी शुरू हो गई है। कई महत्वपूर्ण विधेयक इस समय संसद में लंबित पड़े हैं।