उद्योग जगत को जल्द ही दिखेगा जमीनी बदलाव
सरकार उद्योगों की हर बात सुनने को तैयार है। इंडिया इंक जल्द ही यह कहना शुरू कर देगा कि 'जमीनी स्तर पर बहुत काम हो रहा है।' केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुधारों से संबंधित प्रमुख विधेयकों को पारित करने में विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए यह
नई दिल्ली। सरकार उद्योगों की हर बात सुनने को तैयार है। इंडिया इंक जल्द ही यह कहना शुरू कर देगा कि 'जमीनी स्तर पर बहुत काम हो रहा है।' केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सुधारों से संबंधित प्रमुख विधेयकों को पारित करने में विपक्ष से सहयोग की अपील करते हुए यह बात कही।
देश के जाने-माने बैंकर दीपक पारेख द्वारा इस बारे में सरकार की खिंचाई के दो दिन बाद वाणिज्य मंत्री निर्मला की यह टिप्पणी खासी अहम हो गई है। पारेख ने कहा था कि मोदी सरकार के नौ महीने बाद भी जमीनी स्तर पर कारोबार में सहूलियत के नजरिये से कुछ नहीं बदला है। इससे उद्यमी अधीर होने लगे हैं।
हालांकि बीते दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पारेख की टिप्पणी से जुड़े सवाल का सीधा जवाब देने से परहेज किया था। वित्त मंत्री ने कहा था कि उनकी सरकार की आलोचना इसलिए हो रही कि वह बहुत तेजी से काम क्यों कर रही है।
वहीं बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने पारेख की आलोचना को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा कि उनकी इस टिप्पणी के पीछे कोई व्यक्तिगत वजह तो नहीं? पारेख ने पिछली संप्रग सरकार पर नीतिगत पंगुता (पॉलिसी पैरालिसिस) और फैसला लेने में देरी को लेकर कई बार हमला बोला था।
पारेख की टिप्पणी का जिक्र किए बिना शुक्रवार को निर्मला ने कहा, 'अगर हम सब अपनी ऊर्जा का मिलकर इस्तेमाल नहीं करेंगे तो दस साल की सुस्ती 10 माह में दूर नहीं हो सकती। हमारी सरकार तेजी से काम कर रही है। मुझे यकीन है कि आप लोग (उद्योग जगत) भी अब यह कहना शुरू कर देंगे कि जमीन पर काम होने लगा है।'
उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार उद्योग जगत की सलाह सुनने और उस पर काम करने के लिए तैयार है। इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से आर्थिक सुधारों की दिशा में किए बदलावों का भी जिक्र किया। साथ ही विपक्षी दलों से भी अपील की कि वे आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों को पारित करने में सरकार के साथ सहयोग करें।