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महंगा हो सकता है रेल का सफर, रेलवे की आमदनी 6 महीने में 4 हजार करोड़ कम हुई

भारतीय रेलवे की आमदनी में इस वर्ष गिरावट देखने को मिली है। यह असर कुछ चुनिंदा ट्रेनों में सर्ज प्राइसिंग लागू करने के बाद हुआ है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 10:36 AM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 10:39 AM (IST)
महंगा हो सकता है रेल का सफर, रेलवे की आमदनी 6 महीने में 4 हजार करोड़ कम हुई

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे की आमदनी में इस वर्ष गिरावट देखने को मिली है। यह असर कुछ चुनिंदा ट्रेनों में सर्ज प्राइसिंग लागू करने के बाद हुआ है। भारतीय रेलवे के हाल ही के आंकड़ों से पता चला है कि महज छह महीनों में रेल की आमदनी में तकरीबन चार हजार करोड़ रुपए की कमी आई है। यह कमी बीते वर्ष में हुई आमदनी की तुलना में सितंबर महीने में इस वर्ष के लक्ष्य के मुकाबले 11808 करोड़ रुपये कम रही है। इस कारण माना जा रहा है कि अब रेलवे अपने पैसेंजर किरायों के सिस्टम में बदलाव कर सकता है।

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सर्ज प्राइजिंग के कारण रेलवे की आमदनी में कमी का दौर जारी:

राजधानी दिल्ली में रेल बोर्ड के अधिकारी का कहना है कि अहम बात यह है कि सर्ज प्राइजिंग लागू होने के बाद भी आमदनी में कमी का दौर जारी है। हैरान करने वाली बात यह है कि पिछले 10 दिनों में ही रेलवे की आमदनी बीते वर्ष के 10 दिनों की तुलना में लगभग सवा दो सौ करोड़ रुपये कम हो गए है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन आंकड़ों से रेलवे को झटका लगा है, वह इस वर्ष एक अप्रैल से 10 अक्टूबर तक के बीच के हैं।

छह महीने में रेलवे की आमदनी 3853 करोड़ रुपए कम हुई:

बीते वर्ष इसी अवधि में रेलवे की कुल आमदनी 84 हजार 747 करोड़ रुपए थी, लेकिन इस वर्ष इस दौरान में यह आमदनी कम होकर 80 हजार 893 करोड़ रुपए रह गई है। मसलन, छह महीने में रेलवे की आमदनी 3853 करोड़ रुपए कम हो गई है। आपको बता दें कि रेलवे पर इस वर्ष नए वेतनमान का बोझ भी पड़ गया है। पिछले वर्ष एक से 10 अक्टूबर के बीच रेलवे की आमदनी 4304 करोड़ थी, जो कि इस वर्ष एक से दस अक्टूबर के बीच कम होकर 4072 करोड़ रुपय रह गई है।

रेलवे के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि आमतौर पर देखा यह जाता है कि रेलवे ने आमदनी का क्या लक्ष्य रखा था और वह कितना पूरा हुआ है। लेकिन इस बार लक्ष्य के हिसाब से देखा जाए तो आमदनी में कमी का आंकड़ा करीब आठ हजार करोड़ रुपये है। आमदनी में सबसे ज्यादा कमी माल ढुलाई के मामले में हुई है। माल ढुलाई से होने वाली आमदनी में रेलवे को करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि पैसेंजर आमदनी से कुछ भरपाई हुई है, लेकिन वह भी बेहद मामूली ही रही है।

बढ़ सकता है यात्री किराया:

इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक अब रेलवे के पास यात्री किराया बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। आपको बता दें शताब्दी, राजधानी और दुरतों ट्रैनों में सर्ज प्राइजिंग लागू करने के कारण रेलवे की हर तरफ आलोचना हुई थी। स्थिति को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि रेलवे के पास सभी तरह की ट्रैनों में किराए में बढ़ोतरी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है


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