इतिहास बन जाएगा इंडिया टेलीफोन कार्ड
लैंडलाइन के दौर में कभी मोबाइल की तरह प्रयोग किए जाने वाले इंडिया टेलीफोन कार्ड को बंद करने की तैयारी है। जनवरी-16 से इसे बंद कर दिया जाएगा। मोबाइल क्रांति के दौर में वैसे भी इस कार्ड की उपयोगिता अब न के बराबर रह गई है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद । लैंडलाइन के दौर में कभी मोबाइल की तरह प्रयोग किए जाने वाले इंडिया टेलीफोन कार्ड को बंद करने की तैयारी है। जनवरी-16 से इसे बंद कर दिया जाएगा। मोबाइल क्रांति के दौर में वैसे भी इस कार्ड की उपयोगिता अब न के बराबर रह गई है।
वर्ष 1995 के पहले लैंडलाइन फोन की संख्या काफी कम थी। एसटीडी की सुविधा लेना बेहद कठिन था, वहीं आइएसडी तो मानो असंभव ही थी। पीसीओ पर वार्ता करने के लिए लोगों को लंबी लाइन लगानी पड़ती थी। इसी समय बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए इंडिया टेलीफोन कार्ड शुरू किया था। इस कार्ड की कीमत सौ रुपये से लेकर चार सौ रुपये तक थी।
छह माह वैधता वाले इस कार्ड से व्यक्ति देश में कहीं से किसी भी टेलीफोन से, यहां तक के स्टेशन पर लगे टेलीफोन बूथ से 1800180 डायल करने के बाद लोकल, एसटीडी व आइएसडी काल कर सकता था। जिस फोन से कॉल की जाती थी, उस पर कॉल का बिल नहीं आता था बल्कि कार्ड से राशि कट जाती थी। उस वक्त इस कार्ड का मोबाइल की तरह उपयोग किया जाता था।
2003 के बाद जैसे-जैसे मोबाइल फोन का प्रयोग बढ़ा, इस कार्ड का महत्व भी कम होता गया। अब तो इस का प्रयोग करने वालों की संख्या न के बराबर है। अब बीएसएनएल टेलीग्राम के बाद इंडिया टेलीफोन कार्ड को स्थाई रूप से बंद करने जा रहा है। जनवरी 2016 से इंडिया टेलीफोन कार्ड इतिहास बन जाएगा।
इनका कहना है
शेष बचे इंडिया टेलीफोन कार्ड की ही बिक्री की जा रही है, जिसकी वैधता 31 दिसंबर तक होगी। जनवरी- 16 से इंडिया टेलीफोन कार्ड सिस्टम को स्थाई रूप से बंद कर दिया जाएगा।
-रामशब्द यादव
प्रवर महाप्रबंधक, बीएसएनएल