विदेशी निवेश में चीन को पीछे छोड़ सकता है भारत
भारत की जीडीपी दर साल 2014 में 1.7 फीसदी थी जो कि साल 2015 में बढ़कर 2.1 हो गयी जिसे देखते हुए यह आकलन किया जा रहा है कि इस साल भारत जीडीपी के हिसाब से एफडीआई को आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आकर्षित करने के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है। देश में जारी आर्थिक सुधारों की बदौलत दोनों के बीच एफडीआइ का अंतर कम हो रहा है। जापान की फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
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रिपोर्ट के अनुसार भारत में एफडीआइ की आमद बढ़ने और चीन में इसके धीमा पड़ने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई थी। अभी स्थिति यह है कि इस साल भारत में एफडीआइ चीन के मुकाबले ज्यादा हो सकता है। नोमुरा का मानना है कि भारत में एफडीआइ की आमद (जीडीपी के प्रतिशत के लिहाज से) 2016 में चीन के मुकाबले इसलिए बढ़ जाएगी क्योंकि यहां इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा, वाहन, रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से बड़ा निवेश होने जा रहा है।
भारत में 2015 के दौरान एफडीआइ इनफ्लो जीडीपी के 2.1 फीसद पर रहा, जो 2014 में 1.7 फीसद था। चीन में 2015 के दौरान जीडीपी के मुकाबले 2.3 फीसद एफडीआइ आया था।