Move to Jagran APP

विदेशी निवेश में चीन को पीछे छोड़ सकता है भारत

भारत की जीडीपी दर साल 2014 में 1.7 फीसदी थी जो कि साल 2015 में बढ़कर 2.1 हो गयी जिसे देखते हुए यह आकलन किया जा रहा है कि इस साल भारत जीडीपी के हिसाब से एफडीआई को आकर्षित करने में चीन को पीछे छोड़ सकता है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 26 Apr 2016 07:20 PM (IST)Updated: Tue, 26 Apr 2016 10:46 PM (IST)
विदेशी निवेश में चीन को पीछे छोड़ सकता है भारत

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत इस साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) आकर्षित करने के मामले में चीन को पीछे छोड़ सकता है। देश में जारी आर्थिक सुधारों की बदौलत दोनों के बीच एफडीआइ का अंतर कम हो रहा है। जापान की फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

loksabha election banner

यह भी पढ़ें - अब भारत में नहीं बिकेंगे चीन के मिल्क प्रोडेक्ट्स और मोबाइल, लगा 'बैन'

रिपोर्ट के अनुसार भारत में एफडीआइ की आमद बढ़ने और चीन में इसके धीमा पड़ने की प्रक्रिया 2013 में शुरू हुई थी। अभी स्थिति यह है कि इस साल भारत में एफडीआइ चीन के मुकाबले ज्यादा हो सकता है। नोमुरा का मानना है कि भारत में एफडीआइ की आमद (जीडीपी के प्रतिशत के लिहाज से) 2016 में चीन के मुकाबले इसलिए बढ़ जाएगी क्योंकि यहां इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा, वाहन, रक्षा और रेलवे जैसे क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से बड़ा निवेश होने जा रहा है।

भारत में 2015 के दौरान एफडीआइ इनफ्लो जीडीपी के 2.1 फीसद पर रहा, जो 2014 में 1.7 फीसद था। चीन में 2015 के दौरान जीडीपी के मुकाबले 2.3 फीसद एफडीआइ आया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.