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जानिए डीजल खरीद पर भारतीय रेल कैसे करेगी 1500 करोड़ की बचत?

भारतीय रेल ने पिछले वित्त वर्ष में परिचालन खर्च को रोकते हुए 5.4% खर्च में विकास निहित किया था, इस साल 9% प्रतिशत की दर से या 1,500 करोड़ रुपये से डीजल खरीद के खर्च में कमी पर विचार कर रही है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 12 Jun 2016 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jun 2016 07:31 PM (IST)

नई दिल्ली,जेएनएन । भारतीय रेल ने पिछले वित्त वर्ष में परिचालन खर्च को रोकते हुए 5.4% खर्च में विकास निहित किया था, इस साल 9% प्रतिशत की दर से या 1,500 करोड़ रुपये से डीजल खरीद के खर्च में कमी पर विचार कर रही है। जिस ट्रांसपोर्टर ने वित्तीय साल 2016 में डीजल पर 17,500 करोड़ रुपये खर्च किए, रेलवे के नए कदम से वही ट्रांसपोर्टर कच्चे तेल को सीधे और "ब्लॉक" के साथ राज्य की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से कम दरों पर आयात कराएगा। इसके अलावा ये माल गाड़ियों में सहायक विद्युत इकाइयों स्थापित कर डीजल की खपत को भी कम करेगा। बता दें कि पिछले साल ट्रांसपोर्टर ने बिजली कर्षण सहित लगभग 18% या 31,000 करोड़ रुपये ईंधन के परिचालन में खर्च किए थे।

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रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि ‘रेलवे ने एक संयुक्त कार्य समूह को एक विशेष व्यवस्था के तहत कच्चे तेल की खरीद और ट्रांसपोर्टर के लिए रिफाइनिंग क्षमता उपलब्ध कराने के लिए आईओसी के साथ स्थापित किया है। जानकारी के मुताबिक खातों, साजो मुद्दों और शोधन की लागत का मुल्यांकन करने के बाद 15% की बचत का निष्कर्ष निकला है। बता दें कि ट्रांसपोर्टर ने वित्तीय साल 2016 में हाई-स्पीड डीजल के 2.8 मिलियन किलोमीटर की खरीद की थी। भारतीय रेलवे द्वारा एक तंत्र पर विचार किया जा रहा है। जिसके जरिए संयुक्त कार्य समिति राज्यों से बातचीत कर किसी भी तरह की छूट या रियायत पाने की कोशिश कर रही है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार माल गाड़ियों में सहायक विद्युत इकाइयों की स्थापना से ट्रांसपोर्टर सालाना 3 लाख रुपये प्रति लोकोमोटिव बचत कर सकते हैं।

बता दें कि माल लोकोमोटिव के अतिरिक्त इंजन को बंद नहीं किया जा सकता, क्योंकि ब्रेक के लिए एक इष्टतम हवा के दबाव रखने की जरूरत होती है। स्टैंडबाई मोड में एक लोको प्रति घंटे की अधिक से अधिक 25 लीटर डीजल की खपत करता है। लेकिन नई सहायक विद्युत के लिए नई स्थापित इकाइयों से केवल लगभग 3 लीटर डीजल प्रति घंटा ही जलता है। गौरतलब है कि ट्रांसपोर्टर ने 200 से अधिक डीजल इंजनों में इन सहायक विद्युत इकाइयों को स्थापित किया है और उन्हें 500 से अधिक इंजनों में स्थापित करने के लिए एक निविदा जारी की गई है।

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