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हरियाणा में बागवानी से किसानों की आय होगी दस गुना

हरियाणा सरकार किसानों की आय को दस गुणा तक बढ़ाने के लक्ष्य से पेश विजन 2026 में कई कदम उठाने की बात कही है। इनमें फल और सब्ज्यों के लिए किसानों को बाजार उपलब्ध कराने और उपज की ब्रांडिंग भी शामिल है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 23 Apr 2016 09:40 PM (IST)Updated: Sat, 23 Apr 2016 10:55 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार बागवानी फसलों के विकास के लिए विजन 2026 पेश किया है। इसके तहत अगले दस साल बागवानी फसलों से किसानों की आय दस गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार फल व सब्जियों के लिए किसानों को अच्छा बाजार उपलब्ध कराने के लिए राज्य की इन उपजों की ब्रांडिंग भी करेगी।

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कृषि और किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के अनुसार प्रदेश सरकार ने कृषि व बागवानी विशेषज्ञों, तकनीकी अधिकारियों तथा प्रगतिशील किसानों से सलाह मशविरा करने के बाद जो विजन 2026 तैयार किया है, वह किसानों की आमदनी में दस गुना बढ़ोतरी करने वाला है। प्रदेश सरकार किसानों को बागवानी की तरफ मोड़कर न केवल पानी की बचत करेगी, बल्कि फसल विविधीकरण को अपनाते हुए बंजर होती जा रही जमीन का उपजाऊपन बरकरार रखेगी। इसका बड़ा फायदा किसानों को भी मिलेगा।

प्रदेश का पूरा जोर फिलहाल बागवानी बढ़ाने की तरफ है। अभी तक किसान सिर्फ इसलिए बागवानी की तरफ नहीं मुड़ रहे थे क्योंकि उन्हें फल-फूल सब्जियां बेचने के लिए बेहतर बाजार उपलब्ध नहीं है। सरकार के बागवानी विजन-2026 में किसानों की इस दिक्कत का मजबूती के साथ उल्लेख और समाधान दोनों है। सरकार बागवानी उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ-साथ उनकी बिक्री के लिए मार्केट भी उपलब्ध कराएगी और एनसीआर व दिल्ली इसके लिए बड़े हब होंगे। सोनीपत की गन्नौर मार्केट को बागवानी किसानों के लिए शानदार व अधिक लाभ देने वाले बाजार के रूप में विकसित किया जा रहा है।

धनखड़ ने बताया कि बागवानी का रकबा बढ़ाकर आठ गुना करने, राज्य के कृषि कार्यों में लगे किसानों में से लगभग 25 प्रतिशत को बागवानी से जोडऩे, बागवानी गांव विकसित करने तथा राज्य के बागवानी उत्पादों की ब्रांडिंग तथा मार्केटिंग करने के लिए मजबूत तंत्र विकसित करने की कार्य योजना तैयार की है।

एनसीआर में पैदा की जाने वाली सब्जियों, फलों और फलों का सबसे बड़ा ग्राहक दिल्ली बनेगा। इसलिए एनसीआर में इस परियोजना के पूरी तरह से फलीभूत होने के आसार हैं, लेकिन बाकी राज्य में मौसम व जमीन का मिजाज परखकर प्रयोग करने में कृषि तथा बागवानी विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा।


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