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डीजल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का समय आ गया: राजन

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा उठाते हुए इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिए। जून से लेकर सिंतबर के पहले पखवाड़े तक डीजल में घाटा

By Edited By: Published: Mon, 15 Sep 2014 11:18 AM (IST)Updated: Mon, 15 Sep 2014 05:10 PM (IST)
डीजल को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने का समय आ गया: राजन

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल की कीमतों में आई गिरावट का फायदा उठाते हुए इसे सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर देना चाहिए। जून से लेकर सिंतबर के पहले पखवाड़े तक डीजल में घाटा 8 पैसे प्रति लीटर रह गई थी।

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मालूम हो कि सरकार ने डीजल पर लगातार बढ़ रहे घाटे को कम करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को प्रत्येक माह 50 पैसे प्रति लीटर कीमत बढ़ाने की छूट दी थी।

बैंक के एक कार्यक्रम में राजन ने कहा कि डीजल की कीमत को नियंत्रण मुक्त करने से तेल विपणन कंपनियों को इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों के अनुरूप बदलने का अधिकार मिलेगा। तेल विपणन कंपनियों को पैट्रोल के दाम तय करने का पूरा अधिकार पहले ही दे दिया गया था और तब से वह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के अनुरूप इसमें हर पखवाडे़ घट-बढ़ करती हैं।

अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए राजन ने कहा कि वृहद तौर पर इसमें सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में थोक महंगाई दर पिछले पांच साल में न्यूनतम स्तर (3.74) पर है।

राजन ने कहा कि खाद्य व अखाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अभी भी ऊंची है। देश के पास एक ही उपाय है कि इसे कम किया जाए। तब ब्याज दरों को किया जा सकता है।

राजन ने केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई जन-धन योजना की भी जमकर तारीफ की है। हाल ही में आंतरिक मूल्यांकन को लेकर सामने आए स्कैंडल के संबंध में उन्होंने केंद्रीय और क्षेत्रीय बैंकों को और अधिकार देने की बात कही है।

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