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घाटे में चल रहे 15 पीएसयू को बंद करेगी सरकार

केंद्र सरकार ने घाटे में चल रहीं सार्वजनिक क्षेत्र की 15 कंपनियों (पीएसयू) को बंद करने का फैसला किया है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 10:26 AM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 01:18 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने घाटे में चल रहीं सार्वजनिक क्षेत्र की 15 कंपनियों (पीएसयू) को बंद करने का फैसला किया है। इनमें से 5 कंपनियों को बंद करने की मंजूरी केंद्रीय कैबिनेट दे चुका है, जबकि आंतरिक सलाह के खिलाफ जाकर तीन सरकारी कंपनियों को पुनर्जीवित करने के लिए चयनित किया गया है।

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टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक ऐसी दर्जन भर कंपनियां है जिनकी हालत अच्छी नहीं है, जिन्हें नीति आयोग ने चिन्हित किया है। हालांकि कुछ (जो इन कंपनियों को जिंदा रखना चाहते हैं) मंत्रालय के भीतर कंपनियों को लेकर चल रही तेज पैरवी के कारण इन कंपनियों के भविष्य पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।

जहां एक ओर पेट्रोलियम मंत्रालय ने एचपीसीएल बायोफ्यूल पर ताला मारने के फैसले पर एतराज जताया है, वहीं कपड़ा मंत्रालय ने खस्ता हाल ब्रिटिश इंडिया कोर्पोरेशन और एर्गिन मिल्स को पीएमओ के स्तर पर बंद करवाने को लेकर बड़ी सफलता हासिल की है। वहीं तीन फार्मा कंपनियों के संबंद्ध में फैसला मंत्रियों के समूह के पास भेजा गया, जिन्होंने हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स पर ताला मारने को अबतक रजामंदी नहीं दी है।

भारी उद्योग मंत्रालय ने एचएमटी की कुछ इकाइयों को बंद करवाने के प्रस्ताव पर सफलता पाई है। वहीं जहाजरानी मंत्रालय को कैबिनेट की तरफ से अंतर्देशीय जल परिवहन निगम को बंद करने के लिए मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से घाटे में चल रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उन पीएसयू को बंद करने के बारे में सरकार ने सुझाव मांगे थे, जो कि सरकारी खजाने पर बोझ बन रहे थे।


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