बैंकों की क्षमता बढ़ानें के लिए और पूंजी दे सरकार : मूडीज
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को बताया, सरकार को अभी निकट भविष्य में बैंकों की क्षमता बढ़ाने के लिए और पूंजी उपलब्ध करानी चाहिए। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अभी बाजार से रकम नहीं उठाएंगे।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) अभी बाजार से रकम नहीं जुटाएंगे। लिहाजा सरकार को उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए निकट भविष्य में और पूंजी उपलब्ध करानी चाहिए। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने सोमवार को यह बात कही।
सरकारी बैंकों की कर्ज देने की क्षमता कमजोर
मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस की वीपी (फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ग्रुप) अल्का अनबरासू ने कहा, 'यदि सरकार पूंजी डालने की योजना का विस्तार नहीं करती है तो यह बैंकों की वित्तीय साख पर प्रतिकूल दबाव बन सकता है।Ó उनके अनुसार, कई सरकारी बैंकों की कर्ज देने की कमजोर क्षमता को देखते हुए सुधारात्मक उपायों के लिए बाहर से बड़ी पूंजी की जरूरत होगी।
दिसंबर तक पीएसबी का एनपीए 3.7 लाख करोड़
मूडीज का कहना है कि निकट भविष्य में बैंकों के पूंजी बाजार में उतरने की संभावना नहीं है। ऐसे में उम्मीद है कि भारत सरकार बैंकों को पूंजीगत समर्थन उपलब्ध कराएगी। बढ़ते फंसे कर्जों (एनपीए) की वजह से सरकारी बैंक इन दिनों समस्याओं का सामना कर रहे हैं। दिसंबर के अंत तक उनका एनपीए करीब 3.7 लाख करोड़ रुपये हो गया था। रिजर्व बैंक के निर्देशों के बाद सरकारी बैंक संपत्तियों की गुणवत्ता की समीक्षा कर रहे हैं। इससे उनका एनपीए और प्रोविजनिंग बढ़ा है। रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों से बही-खातों को मार्च, 2017 तक साफ-सुथरा बनाने को कहा है।
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सरकार की चार सालों में पीएसबी में 70 हजार करोड़ रुपये डालने की योजना है। इसमें से 2015-16 और 2016-17 में 25-25 हजार करोड़ रुपये डाले जाएंगे। इसी तरह 2017-18 और 2018-19 में 10-10 हजार करोड़ की पूंजी डाली जाएगी। मूडीज अभी 11 पीएसबी की रेटिंग करती है। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और आइडीबीआइ शामिल हैं।