सर्राफा बाजार से क्यों अलग होती हैं टीवी पर दिखने वाली Gold की कीमत, जानिए
अगर आप टेलिविजन पर बताए गए सोने के भाव को सुनकर बाजार में इसे खरीदने जाएंगे तो आप निराश हो सकते हैं
नई दिल्ली: अगर आप टेलिविजन पर बताए गए सोने के भाव को सुनकर बाजार में इसे खरीदने जाएंगे तो आप निराश हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि टीवी और बाजार में सोने की कीमत में काफी अंतर होता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा आखिर क्यों होता है। आज हम आपको अपनी खबर में यही बात बताएंगे। साथ ही आपको यह भी बताएंगे कि आप कैसे खुद अपने सोने की असली कीमत जान सकते हैं।
पहले समझिए वायदा बाजार और हाजिर बाजार का अंतर
टीवी पर दिखने वाले भाव वायदा बाजार के होते हैं। मतलब यदि आप डीमेट अकाउंट में सोना खरीदेंगे तो आपको टीवी पर दिखने वाले भाव ही मिलेंगे। जबकि हाजिर बाजार में भाव वायदा बाजार से अलग होते हैं। सर्राफा बाजार में सुनारों की दुकान पर गहने के भाव हाजिर बाजार के हिसाब से लगाए जाते हैं। सुनार अक्सर अपनी दुकान पर एक बोर्ड लगाकर यह भाव लिखता है। हाजिर बाजार के भाव रोजाना समाचार पत्रों में भी प्रकाशित होते हैं।
कैसे तय होती हैं सोने की कीमतें?
भारत में सोने के वायदा बाजार के भाव मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) से पता की जा सकती है। डिमांड सप्लाई के हिसाब से घटती बढ़ती रहती है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर सोने के भाव लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (एलबीएमए) तय करता है। दुनियाभर के बाजारों में सोने की कीमतें इसी के आधार पर तय होती हैं। हर सुबह हाजिर बाजार के भाव खुलते हैं। देश के अलग अलग बाजार जैसे जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद में भी सोने की कीमतें अलग अलग हो सकती हैं। जबकि वायदा बाजार के भाव पूरे देश में एक से रहते हैं।
क्या है आपके गहनों की सही कीमत?
मान लीजिए हाजिर बाजार में अगर सोने की कीमत 30,000 रुपए प्रति 10 ग्राम है। अब अगर आपने 22 कैरेट सोने की एक ज्वैलरी खरीदी जो 10 ग्राम की है। इसकी सही कीमत आप इस तरह आंक सकते हैं...
- 22 कैरेट सोने की कीमत - 30000/24x22 = 27500
- ज्वैलरी का वजन - 10 ग्राम इस तरह आपके गहने की सही कीमत 27500 हुई।
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