सोना आयात रोकने को लेकर सांसत में सरकार
आम चुनाव से पहले सोना आयात पर पाबंदी लगाने की संप्रग की नीति की भर्त्सना करने वाले राजग के नेता आजकल चुप हैं। वजह यह है कि राजग सरकार स्वयं सोना आयात पर पाबंदी लगाने के नए तरीके इजाद करने में जुटी है।
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन] । आम चुनाव से पहले सोना आयात पर पाबंदी लगाने की संप्रग की नीति की भर्त्सना करने वाले राजग के नेता आजकल चुप हैं। वजह यह है कि राजग सरकार स्वयं सोना आयात पर पाबंदी लगाने के नए तरीके इजाद करने में जुटी है।
नवंबर, 2014 में सोना आयात में 571 फीसद की वृद्धि के बाद जिस तरह से रुपये में गिरावट का दौर शुरू हुआ है, उससे केंद्र सरकार बेहद चिंतित है। इसकी वजह से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की तमाम कोशिशों पर पानी फिरने का डर है। इस डर की वजह से ही मंगलवार को सोने आयात पर शुल्क की दर को बढ़ा दिया गया है।
वित्त मंत्रालय के अधिकारी बताते हैं कि सोना आयात के रुझान की कड़ी निगरानी की जा रही है। नवंबर में आयात बढ़ने के पीछे एक बड़ी वजह यह भी रही है कि पिछले वर्ष के इसी महीने में विदेश से सोने की आवक काफी कम हो गई थी। अप्रैल से नवंबर, 2014 के दौरान सोना आयात वैसे तो महज 24.4 अरब डॉलर का रहा है, लेकिन अक्टूबर के बाद से इसमें तेजी से इजाफे का रुझान है।
कच्चे तेल की कीमत में काफी तेज गिरावट होने के बावजूद सोने के बढ़ते आयात से ही नवंबर में चालू खाते में घाटा 16.86 अरब डॉलर का हो गया। यह पिछले डेढ़ वर्षों में किसी भी एक महीने में चालू खाते में घाटे (सीएडी) का सबसे बड़ा आकार है। अगर हालात यही रहे तो पहले छह महीन में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में 2.1 फीसद का सीएडी बाद के छह महीनों में तीन फीसद से भी ऊपर जा सकता है।
चालू महीने में भी सोना आयात के बढ़ने और इसकी वजह से सीएडी में इजाफे की आशंका तमाम एजेंसियों ने जताई है। चालू खाते के घाटे के आंकड़े के आने के बाद ही डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले तीन कारोबारी दिनों में 2.12 फीसद (132 पैसे) कमजोर हो चुका है। बुधवार को रुपया आठ पैसे कमजोर होकर पिछले 13 महीनों के सबसे न्यूनतम स्तर 63.62 पर चला गया है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की तरफ से देश से बाहर डॉलर ले जाने से स्थिति और बिगड़ रही है। पूंजी बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार से 19 करोड़ डॉलर की राशि बाहर निकाली है। ऐसे में वित्त मंत्रालय के लिए सोना आयात पर दो टूक फैसला करना काफी मुश्किल हो गया है। चुनाव से पहले अपनी रैलियों में पीएम नरेंद्र मोदी व अन्य भाजपा नेता सोना आयात पर पाबंदी के फैसले की निंदा करते रहे हैं।