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बदलावों के अनुसार भरें आयकर रिटर्न

अब तक करदाताओं को आइटीआर-2 फॉर्म पर रिटर्न भरना पड़ता था, मगर अब उन्हें इसके लिए अपेक्षाकृत छोटे आइटीआर-2ए का उपयोग करना होगा

By Edited By: Published: Mon, 06 Jul 2015 12:22 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2015 06:09 AM (IST)

अब तक करदाताओं को आइटीआर-2 फॉर्म पर रिटर्न भरना पड़ता था, मगर अब उन्हें इसके लिए अपेक्षाकृत छोटे आइटीआर-2ए का उपयोग करना होगा

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इनकम टैक्स रिटर्न से संबधित नए फॉर्म में किए गए बदलावों पर महीने भर की बहस के बाद आकलन वर्ष 2015-16 के लिए रिटर्न भरने की प्रक्रिया अंतत: प्रारंभ हो गई है। ज्यादातर कंपनियों ने वेतनभोगी कर्मचारियों को फार्म-16 भी जारी कर दिए गए हैं, जिनमें वेतन, काटे गए कर तथा निवेश वगैरह का ब्योरा होता है।
इसलिए आयकर रिटर्न भरने में अब किस बात की देरी। अंतिम तिथि का इंतजार किए बगैर रिटर्न दाखिल करना शुरू कर दीजिए।

नया फॉर्म-2ए शुरू
वेतनभोगी कर्मचारियों या जिनके पास एक मकान से अधिक की संपत्ति है और जिन्हें कैपिटल गेन्स से कोई आमदनी नहीं होती, उनके लिए इस वर्ष आयकर विभाग ने आइटीआर-2ए के नाम से नया फॉर्म जारी किया है। अब तक ऐसे करदाताओं को आइटीआर-2 फॉर्म पर रिटर्न भरना पड़ता था। मगर अब उन्हें इसके लिए अपेक्षाकृत छोटे आइटीआर-2ए का उपयोग करना होगा।


यदि करदाता को दीर्घकालिक कैपिटल गेन्स से कमाई हो रही है, जिस पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) अदा करना पड़ता है, परंतु करदाता को इससे छूट है तो ऐसे लोग भी इस फॉर्म का इस्तेमाल रिटर्न भरने में कर सकते हैं। लागू होने पर अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) भी आइटीआर-2ए का उपयोग कर सकते हैं। हां, जिन भारतीय नागरिकों के पास विदेशी संपत्ति अथवा आय है वे इस फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकते।

बैंक खाते के बारे में सूचना
वित्त वर्ष के दौरान चल रहे सभी बैंक खातों की जानकारी आयकर रिटर्न में दाखिल की जानी चाहिए। इस विषय में सभी फॉर्मों में पूछा जाता है। हालांकि ऐसे निष्क्रिय खातों को, जिन्हें पिछले तीन साल में ऑपरेट नहीं किया गया है, उन्हें छोड़ा जा सकता है। बैंक खातों की जानकारी में खाते का प्रकार (बचत खाता अथवा चालू खाता), बैंक का नाम तथा आइएफएससी कोड की जानकारी दी जानी चाहिए। करदाताओं को फॉर्म में रिफंड प्राप्त करने का विकल्प चुनना चाहिए, भले ही रिटर्न में कोई रिफंड बनता हो अथवा नहीं।

पासपोर्ट नंबर का उल्लेख
जिन कारदाताओं के पास पासपोर्ट है उन्हें आयकर रिटर्न में पासपोर्ट नंबर का उल्लेख करना चाहिए। केवल आइटीआर-1 फॉर्म भरने वालों के लिए यह जरूरी नहीं है। इससे पहले प्रस्ताव था कि रिटर्न फॉर्म में विदेश यात्राओं का विस्तृत ब्योरा भी दिया जाना चाहिए। बाद में इस प्रस्ताव को रद कर दिया गया। अब केवल पासपोर्ट नंबर का उल्लेख करना काफी है।

आइटीआर-2 में विदेशी संपत्ति व आय का ब्योरा
भारत में रहने वाले जिन आयकरदाताओं के विदेशों में खाते, संपत्ति तथा आमदनी है, उनसे अनुसूची-एफए के तहत इनका विस्तृत ब्योरा मांगा जाता है। नए फॉर्मों में अतिरिक्त जानकारी मांगी गई है। जैसे कि विदेश में खाता खोलने अथवा संपत्ति अधिगृहीत करने की तारीख, खाते में प्राप्त ब्याज अथवा संपत्ति से हुई आमदनी, उस पर लगने वाला टैक्स वगैरह।

रिटर्न भरने की तारीख बढ़ी
आयकर रिटर्न भरने की तारीख 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी गई है। इससे आयकरदाताओं को अपना रिटर्न भरने के लिए और समय मिल गया है।

रिटर्न भरने के सरल नियम
-वेतनभोगी व्यक्ति अथवा ऐसे वेतनभोगी जिनके पास एक संपत्ति है उन्हें आइटीआर-1 फॉर्म भरना चाहिए।
-ऐसे वेतनभोगी जिनके पास एक से अधिक मकान या संपत्ति है (और कोई कैपिटल गेन्स नहीं है) उन्हें आइटीआर-2ए भरना चाहिए।
-जिन वेतनभोगी कर्मचारियों के पास देश में मकान है और उससे आमदनी हो रही है, जो कैपिटल गेन्स के दायरे में आता है अथवा जिनकी विदेश में संपत्ति व आय है और डीटीएए के तहत कर छूट चाहते हैं उन्हें भी आइटीआर-2ए भरना होगा।
-व्यवसायियों तथा पेशेवरों को आइटीआर-4 में आयकर रिटर्न भरना चाहिए।

आधार कार्ड नंबर का उल्लेख
जिन कारदाताओं के पास आधार कार्ड है, उन्हें आयकर रिटर्न में इसका उल्लेख करना होगा। इस प्रावधान को सभी फार्मों में शामिल किया गया है।

आइटीआर-5 के मामले में एक पेज का पुष्टिकरण (वेरीफिकेशन) प्रपत्र भी लगता है। इसे प्रिंट करके निकालना होता है और हस्ताक्षर करने के बाद बेंगलुरु में आयकर विभाग को भेजना पड़ता है। परंतु जिन आयकरदाताओं के पास आधार कार्ड है उनके लिए इसे वैकल्पिक रखा गया है। यानी वे चाहें तो इसे भेजें या न भेजें। हालांकि अभी भी इस सवाल का जवाब मिलना बाकी है कि आधार कार्ड को आयकर रिटर्न के साथ किस तरह संबद्ध किया जाएगा।

मृदुला राघवन
कंटेंट स्ट्रेटजिस्ट
डब्ल्यूडब्ल्यू.क्लियरटैक्स.इन

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