'विकसित' ग्रीस बना पहला डिफाल्टर
विकसित देशों में शुमार ग्रीस (यूनान) अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) का 1.5 अरब यूरो (तकरीबन 114 अरब रुपये) का कर्ज नहीं चुकाने पर दुनिया का पहला 'अमीर' डिफाल्टर देश बन गया है।
ब्रुसेल्स। विकसित देशों में शुमार ग्रीस (यूनान) अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आइएमएफ) का 1.5 अरब यूरो (तकरीबन 114 अरब रुपये) का कर्ज नहीं चुकाने पर दुनिया का पहला 'अमीर' डिफाल्टर देश बन गया है। नकदी की दृष्टि से कंगाल ग्रीस ने यूरोपीय संघ से नया कर्ज मांगा है। उसने यूरोजोन में बने रहने के लिए यह शर्त लगाई है।
भारी वित्त संकट में फंसा ग्रीस एकमात्र विकसित देश है, जो आइएमएफ का कर्ज नहीं चुका पाया है। उसे मंगलवार आधी रात तक 1.5 अरब यूरो (114 अरब रुपये) चुकाने थे, जिसमें वह विफल रहा।
आइएमएफ के प्रवक्ता गेरी राइस ने वाशिंगटन में पुष्टि की कि ग्रीस ने किस्त नहीं दी है। 2001 में जिम्बाब्वे के डिफॉल्टर बनने के बाद वह दूसरा डिफॉल्टर देश है, हालांकि ऐसा पहला देश है जो सबसे धनी देशों में शुमार था।
पेमेंट डेडलाइन बढ़ाने पर विचार :
आइएमएफ अब ग्रीस के पेमेंट की डेड लाइन बढ़ाने पर विचार कर रहा है। 1982 में निकारागुआ और गुयाना के लिए ऐसा किया गया था। यदि ऐसा हुआ तो एथेंस को अपने यूरोपीय साझेदार देशों के साथ ताजा वार्ता का वक्त मिल जाएगा। राइस ने कहा कि अवधि बढ़ाए जाने संबंधी अनुरोध को आइएमएफ के कार्यकारी बोर्ड के पास उचित समय पर भेजा जाएगा।
29.1 अरब यूरो दे दो :
ग्रीस के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरास ने यूरोजोन के मंत्रियों को सुधार का एक नया प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने यूरोपीय स्थिरता तंत्र (ईएसएम) से 29.1 अरब यूरो (2066 अरब रुपये) का नया कर्ज मांगा है।
पांच वर्ष में यह तीसरा कर्ज प्रस्ताव है। डिफॉल्टर होने के बाद रेटिंग एजेंसियों ने उसकी रेटिंग घटा दी है और आशंका जताई है कि वह 2008 की मंदी जैसी स्थिति में आ जाएगा।
ब्रुसेल्स में बैठक :
ग्रीस के नए मदद प्रस्ताव पर 19 देशों के यूरो जोन अधिकारी विचार कर रहे हैं। यूरोपीय संघ के सूत्रों ने बताया कि ग्रीस के वित्त मंत्री यानिस वारूफकिस ने यूरो जोन के अफसरों से कुछ वादे किए हैं।
जनमत संग्रह टालने को तैयार :
ग्रीस के अफसरों ने कहा कि यदि ईएसएम से उसे नई मदद मिल जाती है तो वह रविवार को होने वाला जनमत संग्रह टाल सकता है।