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पैदावार कम होने के बावजूद बढ़ी चावल की सरकारी खरीद

खराब मानसून के चलते धान की पैदावार में गिरावट का अनुमान है लेकिन इसकी सरकारी खरीद में भारी बढ़त दर्ज की गई है। धान भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के पास धान का खासा स्टॉक हो गया है। पिछले साल के मुकाबले 32 फीसद अधिक धान...

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2016 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2016 09:45 PM (IST)
पैदावार कम होने के बावजूद बढ़ी चावल की सरकारी खरीद

नई दिल्ली। खराब मानसून के चलते धान की पैदावार में गिरावट का अनुमान है लेकिन इसकी सरकारी खरीद में भारी बढ़त दर्ज की गई है। धान भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के पास धान का खासा स्टॉक हो गया है। पिछले साल के मुकाबले 32 फीसद अधिक धान की खरीद हो चुकी है।

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विभिन्न राज्यों में मंगलवार तक धान की सरकारी खरीद 1.96 करोड़ टन हो गई है। जबकि पिछले साल की इसी अवधि तक 1.50 करोड़ टन धान खरीदा गया था। खरीफ सीजन के धान की खरीद का सीजन एक अक्तूबर से शुरू हो चुका है। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि देश की लगभग सभी प्रमुख मंडियों में धान का भाव कम चल रहा है, जबकि इसके मुकाबले सरकारी एजेंसियों पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिल रहा है जो ज्यादा है। सरकारी खरीद में वृद्धि इसकी वजह हो सकती है।

खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पंजाब व हरियाणा में धान की खरीद पूरी हो चुकी है। फिर भी मंडियों में भाव न मिलने की वजह से किसान सरकारी एजेंसियों को धान बेच रहे हैं। धान उत्पादक इन दोनों राज्यों में बासमती 2200 से 2800 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, जबकि दो साल पहले तक यही बासमती 4000 रुपये प्रति क्विंटल बिक चुका है। कीमतों में गिरावट की एक बड़ी वजह बासमती चावल की निर्यात मांग में आई कमी है। बासमती का मूल्य कम होने से कॉमन ग्रेड धान का भी मूल्य काफी कम हो गया है। कॉमन ग्रेड का धान एमएसपी से नीचे बिकने की वजह से सरकारी खरीद ज्यादा हो रही है। गौरतलब है कि सरकारी केंद्रो पर कॉमन ग्रेड धान ही मुख्य रूप से बिकता है।

सरकारी खरीद के ताजा आंकड़े के मुताबिक पंजाब में 93.49 लाख टन चावल की खरीद हो चुकी है। जबकि चालू सीजन में धान खरीद का लक्ष्य 88 लाख टन तय किया गया था। हरियाणा में 28.54 लाख टन चावल खरीदा जा चुका है, जो निर्धारित लक्ष्य 23 लाख टन को पार कर चुका है। अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश में अब तक 9.7 लाख टन, तेलंगाना में नौ लाख टन, केरल में 1.09 लाख टन, छत्तीसगढ़ की राज्य एजेंसियों ने 25.38 लाख टन चावल की खरीद पूरी कर ली है।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि अगर खरीद का यही रुख कायम रहा तो चालू सीजन में चावल की कुल खरीद तीन करोड़ टन को भी पार कर सकती है। बीते पूरे खरीद सीजन 2014-15 (अक्तूबर से सितंबर) में 3.2 करोड़ टन खरीद की गई थी। इसमें खरीफ के साथ रबी सीजन की खरीद भी शामिल है। खाद्य मंत्रालय ने ज्यादातर राज्यों को अपनी खरीद खुद करने की सलाह दी है। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्य शामिल हैं। कुछ राज्यों में चावल की खरीद के साथ मोटे अनाज की खरीद भी की जा रही है।


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