अनिवार्य हो डिजिटल बीमा पॉलिसी
हैदराबाद। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बीमा नियामक इरडा से बीमा पॉलिसियों का अनिवार्य डिजिटाइजेशन जल्द से जल्द करने को कहा है। इसके लिए समय सीमा निर्धारित करने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसे ऐच्छिक रूप में ज्यादा दिनों तक नहीं चलाया जा सकता है। सोमवार को वे यहां इंश्योरेंस रिपॉजिटरी की शरुआत करने के मौके पर आयोजित कार्य
हैदराबाद। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बीमा नियामक इरडा से बीमा पॉलिसियों का अनिवार्य डिजिटाइजेशन जल्द से जल्द करने को कहा है। इसके लिए समय सीमा निर्धारित करने की वकालत करते हुए उन्होंने कहा कि इसे ऐच्छिक रूप में ज्यादा दिनों तक नहीं चलाया जा सकता है। सोमवार को वे यहां इंश्योरेंस रिपॉजिटरी की शरुआत करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
बीमा पॉलिसियों का डिजिटाइजेशन होने से बीमाधारकों को कागजी झंझट से मुक्ति मिलेगी। शेयरों की तरह इसे भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जा सकेगा। यह जीवन बीमा और गैर जीवन बीमा दोनों के लिए लागू होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि फिलहाल ऐच्छिक रूप से ही पॉलिसियों का डिजिटाइजेशन करने की शुरुआत हुई है मगर इसे जल्द ही अनिवार्य बनाने की जरूरत है। बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के चेयरमैन से उन्होंने कहा कि इसे पहले जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए जरूरी बनाया जाए। उसके बाद गैर जीवन बीमा पॉलिसियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप दिया जाए।
उन्होंने कहा कि लोगों के गांव से शहर आने या फिर बार-बार शहर बदलने से उनके सामने अपनी पहचान सत्यापित करने की दिक्कत आती है। ऐसे में बीमा पॉलिसियों का डिजिटल रूप उन्हें इस झंझट से छुटकारा दिलाएगा। इसके अलावा इसके कई और भी फायदे हैं। इरडा के चेयरमैन टीएस विजयन ने बताया कि पांच कंपनियों को इंश्योरेंस रिपॉजिटरी का दर्जा दिया गया है।