ब्रेक्जिट को लेकर दुबकी रही दलाल स्ट्रीट
सेंसेक्स 47.13 अंकों की गिरावट के साथ 26,765.65 पर तथा निफ्टी 16.20 अंकों की गिरावट के साथ 8,203.70 अंकों पर बंद हुअा।
मुंबई, प्रेट्र । दलाल स्ट्रीट में बुधवार को लगातार दूसरे सत्र में गिरावट आई। ब्रिटेन में जनमत संग्रह से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाकर रखा। इससे बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 47.13 अंक फिसलकर 26765.65 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 16.20 अंक टूटकर 8203.70 अंक पर पहुंच गया। भारत का ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साथ खासा कारोबार है। यूरोप से भारत में बड़ा निवेश होता है।
गुरुवार को ब्रिटेन में यूरोपीय संघ को छोड़ने (ब्रेक्जिट) पर जनमत संग्रह होना है। इस घटनाक्रम पर पूरी दुनिया की नजर है। यदि ब्रेक्जिट के पक्ष में वोटिंग हुई तो जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) की बिक्री प्रभावित हो सकती है। यही कारण है कि इसके डर से टाटा मोटर्स का शेयर दबाव में रहा। जेएलआर टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली कंपनी है। भाजपा नेता सुब्रह्माण्यम स्वामी के बयान ने भी बाजार का मूड बिगाड़ा। उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन को हटाने की मांग की है।
विदेशी बाजार में मिलाजुला रुख
एशियाई बाजारों में शंघाई इंडेक्स और हांगकांग का हैंग सेंग बढ़े, जबकि जापान के निक्कई में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में तेजी रही। ब्रिटेन के एफटीएसई और जर्मनी के डीएएक्स में शुरुआती घंटों में बढ़त रही। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि निवेशकों में ब्रिटेन के यूरोपीय संघ में बने रहने की उम्मीद बढ़ी।
-ऐसी रही बाजार की चालतीस शेयरों वाला सेंसेक्स इस दिन 26791.68 अंक पर कमजोर खुला। इसका ऊंचा स्तर 26887.29 अंक रहा। निवेशकों की बिकवाली के झोंके में इसने 26617.45 अंक का निचला स्तर छूआ।
-कौन बढ़े कौन घटे बीएसई के सूचकांकों में ऑटो, टेलीकॉम और एफएमसीजी ज्यादा गिरे। जबकि हेल्थकेयर, रियल एस्टेट और मेटल बढ़े। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 18 के शेयर सुधरे, जबकि 12 में गिरावट दर्ज की गई।
-टूटकर संभला रुपयाडॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर शुरुआत हुई। भारतीय मुद्रा 11 पैसे लुढ़ककर 67.59 के स्तर पर खुली। हालांकि, बाद में रुपया संभलकर सपाट बंद हुआ।
-नियामक हुए चौंकन्ने
ब्रेक्जिट को लेकर किसी भारी उठापटक की आशंका को देखते हुए बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों ने निगरानी तंत्र को बढ़ा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक तमाम घटनाक्रमों पर करीब से नजर रख रहा है। वित्तीय बाजारों में स्थितियों को सामान्य बनाए रखने के लिए आरबीआइ ने तमाम जरूरी कदम उठाने के लिए कहा है।-क्या है खतरा यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने पर विदेशी निवेशक घरेलू बाजार से पूंजी निकालेंगे। रुपये पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। यही वजह है कि इससे निपटने के चौतरफा प्रयास किए जा रहे हैं।