मेक इन इंडिया के सपने को पंख लगाएगा बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट 2015-16 में कई अहम उपायों की घोषणा कर सकते हैं।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट 2015-16 में कई अहम उपायों की घोषणा कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि वित्त मंत्री ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, खनन और फार्मा जैसे क्षेत्रों के साथ-साथ लघु और मध्यम उद्योग के लिए प्रोत्साहनों का एलान करेंगे। वित्त मंत्रालय मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए जिन उपायों पर विचार कर रहा है, उनमें न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) की दरों में कटौती सबसे ऊपर है। इसके अलावा सरकार कारोबार शुरू करने की प्रक्रिया आसान बनाने के साथ ही आम बजट में कई नीतिगत घोषणाएं भी करने की तैयारी कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार निवेश को बढ़ावा देने के लिए मैट (मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स) की मौजूदा 18.5 प्रतिशत की दर को घटा सकती है। 2007 में मैट की दर 7.5 प्रतिशत थी। तब से इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। मैट घटने से मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और विशेष आर्थिक क्षेत्रों यानी एसईजेड में निवेश बढ़ेगा। इसी तरह कॉरपोरेट टैक्स में भी कटौती की जा सकती है।
युवाओं के लिए बेहतर रोजगार
मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की जरूरत इसलिए भी है, क्योंकि इसी क्षेत्र से युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलते हैं। रोजगार के अवसरों में कमी पूर्ववर्ती सरकार के लिए चिंता का सबब बनी थी। फिलहाल सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का योगदान 17 प्रतिशत है। सरकार ने इस क्षेत्र का योगदान बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इसलिए मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने वाले उपाय नहीं हुए तो इस लक्ष्य को हासिल करना बेहद मुश्किल होगा।
बदलेगी विरोधाभासी कर संरचना
माना जा रहा है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा जैसे क्षेत्रों की विरोधाभासी कर संरचना में भी बदलाव कर सकते हैं। विरोधाभासी कर संरचना से मतलब उस स्थिति से है, जब किसी उत्पाद पर कर कम हों, जबकि इसे बनाने के लिए इस्तेमाल हुए कच्चे माल पर अधिक। उद्योग जगत इस विसंगति को दूर करने की मांग कर रहा है। ऑटो क्षेत्र की स्थिति वैसे ही खस्ताहाल है। चालू वित्त वर्ष में ऑटो क्षेत्र को जो कर में राहत प्राप्त थी, उसे भी वित्त मंत्री ने दिसंबर, 2014 के बाद आगे नहीं बढ़ाया है।
आएगा एसईजेड का नया अवतार
वित्त मंत्री मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत एसईजेड को नए अवतार में पेश कर सकते हैं। माना जा रहा है कि एसईजेड में मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों के अलावा सेवा प्रदान करने वाली यूनिटों को भी संचालन की इजाजत दी जा सकती है। सरकार रक्षा क्षेत्र में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) को आकर्षित करने के लिए कुछ उपायों की घोषणा आम बजट में कर सकती है। प्रधानमंत्री ने हाल में कहा था कि वह भारत को रक्षा उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।
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