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धन दोगुना गुना करने वाली कंपनियों से रहे सावधान

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सारधा चिटफंड घोटाले के बाद भी देश में आम जनता से पैसा ऐंठने वाली कंपनियों पर कोई लगाम नहीं लगी है। कहीं घी में, तो कहीं सोने के गहनों में निवेश करने के नाम पर कुछ ही वर्षो में धन को दोगुना-तीन गुना करने की खबरें लगातार आ रही हैं। इन गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने आम निवेशकों के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया है। बैंक ने अपनी वेबसाइट पर खास तौर पर एनबीएफसी [गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों] के नाम पर निवेशकों से पैसा जुटाने वाली अवैध कंपनियों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है।

By Edited By: Published: Mon, 03 Jun 2013 07:19 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सारधा चिटफंड घोटाले के बाद भी देश में आम जनता से पैसा ऐंठने वाली कंपनियों पर कोई लगाम नहीं लगी है। कहीं घी में, तो कहीं सोने के गहनों में निवेश करने के नाम पर कुछ ही वर्षो में धन को दोगुना-तीन गुना करने की खबरें लगातार आ रही हैं। इन गतिविधियों का संज्ञान लेते हुए भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने आम निवेशकों के बीच जागरूकता अभियान शुरू किया है। बैंक ने अपनी वेबसाइट पर खास तौर पर एनबीएफसी [गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों] के नाम पर निवेशकों से पैसा जुटाने वाली अवैध कंपनियों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है।

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आरबीआइ ने साफ तौर पर कहा है कि देश में बैंकों के अलावा सिर्फ गिनी-चुनी एनबीएफसी व हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों यानी एचएफसी को ही आम जनता से जमा स्वीकार करने की इजाजत है। रिजर्व बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसके नाम का इस्तेमाल किसी भी सूरत में कोई एनबीएफसी या अन्य कंपनी नहीं कर सकती। खास तौर पर केंद्रीय बैंक अपनी तरफ से कभी भी रिटर्न की गारंटी नहीं देता। हाल ही में यह खबर आई थी कि निवेशकों से पैसा वसूलने वाली कुछ कंपनियों ने आरबीआइ का नाम लेते हुए कहा था कि रिटर्न की गारंटी मिली हुई है। जिन एनबीएफसी को रिजर्व बैंक ने जमा स्वीकार करने की अनुमति दी हुई है, उनकी सूचना केंद्रीय बैंक की वेबसाइट से प्राप्त की जा सकती है। किसी भी सूरत में ये एनबीएफसी 12.5 फीसद से ज्यादा की रिटर्न नहीं दे सकती।

आरबीआइ ने कहा है कि निवेशक जब भी इन कंपनियों में राशि जमा करवाएं तो उसकी वैध रसीद जरूर प्राप्त कर लें। रसीद पर कंपनी के उचित प्रतिनिधि का हस्ताक्षर होना चाहिए, उस पर राशि अंकों व अक्षरों में लिखी होनी चाहिए और साथ ही रिटर्न की दर, जमा अवधि की जानकारी भी आवश्यक तौर पर रहनी चाहिए। अगर कोई असामान्य तौर पर ज्यादा रिटर्न देने की बात कर रहा है तो निवेशकों को सतर्क हो जाना चाहिए। यह बात दिमाग में रखनी चाहिए कि जो रिटर्न कंपनी देने का वादा कर रही है, वह अवश्य ही उससे ज्यादा आय कमाने की क्षमता रखती है। साथ ही ज्यादा रिटर्न के लिए कंपनियों को ज्यादा जोखिम उठाना पड़ेगा। जब ज्यादा जोखिम उठाया जाता है तो उसमें रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती। इन बातों को दिमाग में रखते हुए निवेशकों को फैसला करना चहिए।


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