सितंबर से शुरु हो जाएगी बैंकों में अकाउंटिंग स्टैंडर्ड बदलने की तैयारी
भारतीय बैंकिंग जगत में चल रही विलय और एकीकरण की कवायद के बीच सितंबर से बैंकों में नए लेखा मानक (न्यू अकाउंटिंग स्टैंडर्ड) लागू करने के लिए तैयारी शुरु हो जाएगी।
नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। भारतीय बैंकिंग जगत में चल रही विलय और एकीकरण की कवायद के बीच सितंबर से बैंकों में नए लेखा मानक (न्यू अकाउंटिंग स्टैंडर्ड) लागू करने के लिए तैयारी शुरु हो जाएगी।
रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार बैंकों को एक अप्रैल 2018 से नए लेखा मानक अपनाने हैं। यही वजह है कि आरबीआइ और विभिन्न बैंक समय रहते ही इसके लिए जरूरी तैयारी शुरु करने जा रहे हैं। नए लेखा मानकों की खास बात यह है कि इसके बाद बैंकों को अपने फंसे कर्ज को फंसाना मुश्किल हो जाएगा।
सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि नए लेखा मानकों के लागू होने के बाद बैंकों को फंसे कर्ज के ऐवज में अधिक प्रोविजनिंग तक करनी पड़ सकती है। इसका मतलब यह हुआ कि बैंकों को अपने लाभ का एक हिस्सा उस कर्ज के ऐवज में रखना पड़ेगा जो फंसा है या जिसके फंसने की संभावना है।
आरबीआइ ने बैंकों को इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड्स (आइएफआरएस) के तहत नए लेखा मानक लागू करने को कहा है। बताया जाता है कि बैंकों को कार्यकारी निदेशक की रैंक के अधिकारी अध्यक्षता में अधिकारियों के दल बनाकर नए लेखा मानकों को लागू करने की दिशा में तैयार करने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि नए लेखा मानक प्रभाव में आने के बाद बैंकिंग जगत में बड़ा बदलाव आएगा।
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