अब दवा खरीद ऑनलाइन
कानपुर, जागरण संवाददाता : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) में दवा खरीद घोटाले से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग अब दवा खरीद का तरीका बदलने जा रहा है। दवा खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए वह ऑनलाइन प्रकिया लागू करने की तैयारी में है। तब सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन दवा खरीद शुरू हो जाएगी। अस्पतालों में कितनी दवाएं उपलब्ध हैं, क्या-क्या कमी है, इसका ब्योरा एक क्लिक पर सामने होगा। इससे दवाओं की खरीद में गड़बड़ी पर भी लगाम लगेगी।
सूबे की वर्तमान से पूर्ववर्ती सरकार में दवा खरीद में व्यापक पैमाने में गड़बड़ी हुई थी। शासन स्तर पर जो दवाएं उपलब्ध थीं, उनकी भी दोबारा खरीद हुई थी। बाद में उन दवाओं को जिलों में भेज दिया गया। ऐसे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय ने वर्ष 2010 एवं 2011 में वह दवाएं लौटा दी थीं, जो स्टोर में उपलब्ध थीं, जबकि कई दवाओं की लोकल परचेज (एलपी) की गई थी। लोकल परचेज में भी गड़बड़ी हुई थी। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाइन दवाओं की खरीदारी के लिए मेडिसिन परचेज सिस्टम तैयार कराया है। इस हाईटेक सॉफ्टवेयर का प्रजेंटेशन 14 जुलाई को प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य की मौजूदगी में किया गया। इससे सरकारी अस्पतालों में दवाओं की ऑनलाइन खरीद हो सकेगी। सीएमएसडी के रेट कांट्रेक्ट की आसानी से जानकारी हो जाएगी। स्थानीय स्तर पर लोकल परचेज में जो भी दवाएं खरीदी जाती हैं, उसमें भी गड़बड़ी को रोका जा सकेगा।
सीएमओ कार्यालय से जैसे ही दवाओं की खरीद की अनुमति महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजी जाएगी। ईमेल के जरिये दवाओं की लिस्ट भेजने पर स्थानीय स्तर पर दवाओं की उपलब्धता का आसानी से पता चल जाएगा। ऑनलाइन दवा खरीद का ट्रायल कुछ जिलों में पहली अगस्त से शुरू करने की तैयारी है।
---------
दवा खरीद को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन प्रकिया अपनाई जा रही है। इससे खरीद में गड़बड़ी की आशंका भी खत्म हो जाएगी।
- डॉ. आरपी यादव, सीएमओ।