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आने वाले सालों में पूरी तरह खत्म हो जाएगा धूम्रपान !

अगर ऐसा होता है तो करीब 1.1 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि न सिर्फ इसे पीने वाले तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के चपेट में आते हैं, बल्कि आसपास के लोग भी आ जाते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2016 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 03:45 PM (IST)

कैंसर जैसी कई भयंकर बीमारियों को जन्म देना वाली धूम्रपान की लत आने वाले वक्त में अतीत की बात हो सकती है। अर्थशास्त्रियों ने ऐसा अनुमान लगाया है कि अगर ई-सिगरेट की गुणवत्ता और विविधता बढ़ती रहे, साथ ही इसकी लागत में कमी आती रहे। तो आने वाले वक्त में धूम्रपान खत्म हो सकता है। अमेरिका की गैरलाभकारी संस्था रीजन फाउंडेशन के एक पर्चे के मुताबिक, अगर उत्पाद की गुणवत्ता और विविधता बरकरार रहती है और इसके दाम इसी तरीके से कम होते जाते हैं तो अगले 20 सालों में धूम्रपान में 50 फीसदी से ज्यादा की कमी आ सकती है और अगले 30 सालों में यह पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

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इस पर्चे के सहलेखक बेंगलुरू के प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ गर्वनर के सदस्य अमीर उल्ला खान ने बताया, "10 सालों से भी कम अवधि में ई-सिगरेट जैसे उत्पाद की गुणवत्ता, प्रभावकारिता और सुरक्षा में चमत्कारिक वृद्धि देखने को मिली है। जबकि इसके दाम भी गिर रहे हैं। अब तक लाखों धूम्रपान करने वाले इसे अपना चुके हैं। भारत में शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है, "कुछेक सालों में लगभग 10 फीसदी धूम्रपान करनेवाले ई-सिगरेट जैसे उत्पादों का प्रयोग करने लगेंगे। अगर ऐसा होता है तो करीब 1.1 करोड़ लोगों को इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि न सिर्फ इसे पीने वाले तंबाकू से जुड़ी बीमारियों के चपेट में आते हैं, बल्कि आसपास के लोग भी आ जाते हैं।
इस शोध के लेखकों का कहना है कि भारत में कई राज्यों में ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक लगी है। इससे धूम्रपान करनेवालों का जीवन बचाने वाली तकनीक तक पहुंच नहीं हो पा रही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दुनिया भर के संगठन और सरकारों का जोर ई-सिगरेट के माध्यम से निकोटीन के खतरे से बचाने के बजाए धूम्रपान की लत छुड़वाने पर है।

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