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चुनौतियों से सामना

कंफर्ट जोन में रहना किसे नहीं अच्छा लगता, पर आज के तेजी से बदलते समय में इसे ठीक नहीं कहा जा सकता। आज जब हमेशा नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, ऐसे में कंफर्ट जोन में रहने की बजाय आगे बढ़कर चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को हमेशा

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 03 Feb 2015 10:54 AM (IST)Updated: Tue, 03 Feb 2015 11:01 AM (IST)
चुनौतियों से सामना

कंफर्ट जोन में रहना किसे नहीं अच्छा लगता, पर आज के तेजी से बदलते समय में इसे ठीक नहीं कहा जा सकता। आज जब हमेशा नई-नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, ऐसे में कंफर्ट जोन में रहने की बजाय आगे बढ़कर चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को हमेशा तैयार रखें। इससे न सिर्फ हर परिस्थिति में खुद को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी, बल्कि आपको आगे बढ़ने के मौके भी मिलते रहेंगे। कैसे बढ़ाएं इस दिशा में कदम, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव...

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अनिकेत सक्सेना एक प्रतिष्ठित संस्थान में जिम्मेदार पद पर काम करते हैं। उन्हें संबंधित इंडस्ट्री में काम करते हुए दो दशक से ऊपर हो चुके हैं। इस दौरान एक-दो बार उन्हें पिंक-स्लिप भी थमा दिया गया। इससे उन्हें झटका तो लगा, पर उन्होंने इसके पीछे के कारणों को जानने-समझने और उन्हें दूर करने की कभी परवाह नहीं की। एक बार नौकरी मिलने के बाद वह बस मशीन की तरह काम करते जाते थे। माना कि वे विनम्र और अनुशासित रहे हैं, पर वह जिस तरह के पेशे में हैं, उसमें शायद ही वह कभी इनोवेटिव आइडियाज के लिए पहल करते हैं। जबकि उनके प्रोफेशन में यह सबसे ज्यादा जरूरी होता है। वर्तमान संस्थान में नौकरी उन्हें काफी मशक्कत के बाद मिली, लेकिन यहां भी उन्होंने खुद को साबित करने और अलग पहचान बनाने की दिशा में कोई खास प्रयास नहीं किया। यहां भी उनके सामने कई बार मुश्किलें आईं, पर उन्होंने उसे समझने और खुद को सुधारने की जहमत नहीं उठाई। हालांकि उन्हें लगता है कि वह बहुत काबिल हैं और इसके लिए उन्हें तरक्की भी मिलनी चाहिए, पर अपनी काबिलियत को दिखाने के लिए वह कभी टीम लीडर के रोल में आने की पहल नहीं करते। ऐसे में उनके सामने बार-बार मुश्किल आती है, पर वह कभी भी मुश्किलों को समझने को तैयार नहीं होते।

अगर आपके साथ भी यही स्थिति है, तो समय रहते खुद को सुधार लें। इस मुगालते में न रहें कि आप बहुत प्रतिभावान हैं, बस बाकी लोग या मैनेजमेंट इसे समझना नहीं चाहते। अगर आप खुद को काबिल समझते हैं, तो आगे बढ़कर इसका नमूना भी पेश करें। यह न सोचें कि आपकी काबिलियत के बारे में मैनेजमेंट को सपना आएगा और वह चलकर आपके पास आएगा।

पहल के लिए रहें तत्पर

आज के समय में किसी भी संस्थान में मैनेजमेंट की निगाह में आप तभी आ सकते हैं, जब आप खुद को लीडर की भूमिका में पेश करेंगे। मैनेजमेंट की तरफ से भी आप तभी इसके लिए चुने जाएंगे, जब आपके भीतर इस तरह की क्वालिटी दिखेगी। इस भूमिका में आने के लिए आपको खुद को सक्रिय भूमिका में लाना होगा। अगर आप मशीन की तरह काम में जुटे रहते हैं और अपनी तरफ से कोई नई पहल नहीं करते या अपनी टीम या विभाग के सदस्यों को उत्साहित नहीं कर पाते, तो आप इस भूमिका में नहीं आ सकते।

चुनौतियां स्वीकारें

टीम लीडर बनकर प्रमोशन और पहचान पाना चाहते हैं, तो खुद आगे बढ़कर नई चुनौतियों का सामना करने का साहस दिखाना होगा। इसके लिए सबसे पहले अपना आत्मविश्वास जगाना होगा और हर काम को पॉजिटिव नजरिए से पूरा करने के लिए दृढ़ता दिखानी होगी। कोई भी नया काम सामने आने पर अगर आप यह कहकर उसे करने से मना कर देंगे कि आपने तो कभी उस तरह का काम किया ही नहीं, तो यह आपके करियर के लिए नकारात्मक हो सकता है। हां, अगर आप यह कहें कि यद्यपि मैंने यह काम नहीं किया है, लेकिन मुझे मौका मिले तो मैं इसे करने का पूरा प्रयास कर सकता हूं। ऐसे में जाहिर है कि असाइनमेंट मिलने पर आप उससे जुड़ी अनजानी बातों को सीखने की कोशिश करेंगे, क्योंकि आप मन से उसे करना चाहते हैं।

सीखें हर पल

आज के समय में आगे वही बढ़ता है, जो हर समय, हर किसी से कुछ न कुछ सीखने के लिए तत्पर रहता है। जिसने यह मान लिया कि वह तो सब कुछ जानता है, उसके लिए सीखने को कुछ बचा ही नहीं, उसके लिए तरक्की का रास्ता भी बंद हो जाता है। सब कुछ जानने की ठसक ही उसके आगे बढ़ने का मार्ग अवरुद्ध कर देती है। याद रखें, अगर आप अपने आंख-कान और दिमाग खुले रखेंगे, तो हमेशा कुछ न कुछ नया दिखेगा या फिर तमाम घटनाओं को आप नये नजरिए से देख सकेंगे।

शिकायतों से बचें

कुछ लोगों को दूसरों से हमेशा शिकायतें होती हैं। अपना काम अच्छी तरह से न कर पाने का ठीकरा भी वे दूसरों के सिर ही फोड़ना चाहते हैं। ऐसी बातों से बच कर रहें। ध्यान रखें, हमेशा आगे की ओर वही बढ़ता है, जो दूसरों को नहीं, खुद को देखता है। दूसरे क्या कर रहे हैं या क्या नहीं कर रहे हैं, इस पर ध्यान देने के बजाय वह अपने काम को सही तरीके से करने का प्रयास करता है। सकारात्मक नजरिया रखने वाले लोगों के पास फिजूल की बातों के लिए कभी समय नहीं होता। वे उत्साह के साथ हर समय नए काम करने में दिलचस्पी दिखाते हैं।

करें कुछ अलग

नौकरी के दौरान आठ घंटे का समय बिता देने से पहचान नहीं मिलती। पहचान मिलती है कुछ नया और इनोवेटिव करने से। आप कह सकते हैं कि आपके वर्क-प्रोफाइल में तो ऐसा कुछ है ही नहीं। पर नहीं। जरा फिर से गौर करें। अपने प्रोफाइल को ध्यान से देखें। अपने टैलेंट का विश्लेंषण करें। इस बारे में सोचें कि आप क्या और कैसे नया कर सकते हैं? इसके लिए खुद को अपडेट करें, तराशें। अपने प्रोफेशन से जुड़ी नवीनतम चीजों के बारे में जानें। इन सब को एंज्वॉंय करें। थोड़े दिन के अभ्यास के बाद आपको हर दिन कुछ नया लगने लगेगा। एक बार यह आदत बन जाने के बाद आपको नया और चुनौतीपूर्ण करने में आनंद महसूस होने लगेगा। इस तरह से आप खुद तो आगे बढ़ेंगे ही, इससे दूसरों को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकेंगे।

* खुद को जड़ और मशीनी की बजाय जीवंत बनाने की दिशा में बढ़ें।

* नये काम को बेहतरीन तरीके से करने से पहचान भी मिलेगी और प्रमोशन भी।

* पीछे रहने या सिर छुपाकर बैठने की बजाय पहल करके नये आइडिया दें और खुद उस पर काम करने का जज्बा भी दिखाएं।

* उत्साह और आत्मविश्वास का दामन कभी न छोड़ें। नये काम को चुनौती की तरह लें।

* हर समय सीखने को तत्पर रहें, चाहे वह नॉलेज हो या टेक्नोलॉजी के बारे में।

कॉन्फिडेंस से कामयाबी


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