कांग्रेस को सत्ता की समझ सबसे ज्यादा
कांग्रेस एक स्वाभाविक शासक है और लोगों को उससे बहुत उम्मीदें हैं। कांग्रेस को जनता सबसे बेहतर मानती है। एकमात्र कांग्रेस ही है जिसे सत्ता की समझ सबसे ज्यादा है और जो वास्तव में विकासात्मक बदलाव ला सकती है।
'यदि भारत की सत्ता गलत और बदमाश व्यक्तियों के हाथों में चली गई तो जनता को पानी और रोटी के लिए तरसना पड़ेगा। सिर्फ हवा ही मुक्त रह जाएगी। भारत के राजनेता कम क्षमता वाले हैं। वे सत्ता के लिए आपस में लड़ेंगे। इस राजनीतिक तकरार में भारत देश कहीं खोकर रह जाएगा।' भारत की आजादी से ठीक पहले विंसटन चर्चिल ने अपने एक कथन में यह कहा था। जिसे यूपीए सरकार ने पूरी तरह गलत साबित कर दिया है। ज्ञात हो कि ब्रिटिश जब भारत छोड़ कर गए थे तब भारत के पास 2161 करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार था परंतु अब भारत के पास 277.38 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार है। जोकि साफ दर्शाता है कि ब्रिटिश के जाने के बाद भारत ने कितनी तरक्की की है। भारत के इस विकास में कांग्रेस ने अपना पूरा योगदान दिया। कांग्रेस एक स्वाभाविक शासक है और लोगों को उससे बहुत उम्मीदें हैं। कांग्रेस को जनता सबसे बेहतर मानती है। एकमात्र कांग्रेस ही है जिसे सत्ता की समझ सबसे ज्यादा है और जो वास्तव में विकासात्मक बदलाव ला सकती है।
हम न भाजपा से डरते हैं, न ही किसी और विरोधी पार्टी से। उनके सीधे हमलों से हम पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला। हम विकास के रास्ते पर बढ़ते रहेंगे। लोकतंत्र की नींव के लिए खतरा बन चुके विरोधियों से देश को बचाने और इसकी भलाई के लिए कांग्रेस प्रतिबद्ध है और रहेगी। शहरी और ग्रामीण इलाकों में समान रूप से विकास का काम करने में कांग्रेस की तरह कोई सरकार नहीं है। मध्य प्रदेश, कर्नाटक में कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी की एक धन्यवाद रैली जहां लाखों लोग आए, ये सोनिया के शब्द थे।
भारत की आजादी के 65 वर्षोमें से कुल 52 वर्षोतक सिर्फ कांग्रेस ने शासन किया है। इस तरह तब से लेकर आज तक भारतीय अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार हुए हैं। इसके लिए कांग्रेस को श्रेय लेने का अधिकार है।
कांग्रेसियों के अनुसार एशियाई देशों में यह विकास अभूतपूर्व है। पिछले 9 सालों से लगातार दो लोकसभा चुनाव जीतकर सरकार चला रही यूपीए गठबंधन सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अपने पहले कार्यकाल में यूपीए सरकार की विकास वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी। आजादी के वक्त विदेशी मुद्रा भंडार 2161 मिलियन था, अब यह 277.38 बिलियन है। 1950-51 में भारत में प्रति व्यक्ति आय 271.60 रुपये थी, आज यह रु. 74359 है. सभी आंतरिक विरोधाभासों और आर्थिक, राजनीतिक कमियों के बावजूद आज भारत विश्व में सबसे तेजी से विकास कर रहे देशों में दूसरा स्थान रखता है। साथ ही यह आज विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन चुका है जो अब तक के आंकलन के मुताबिक 2050 तक दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
विपक्षी कांग्रेस और सोनिया गांधी पर अक्सर विरोधी लोक लुभावन वादे करने का आरोप लगाते हैं। कांग्रेसी इसमें कुछ भी गलत नहीं मानते। उनका मानना है कि कांग्रेस ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और रोजगार की बढ़त के लिए सबसे अधिक काम किया है। खेद की बात यह है कि इंडिया को विश्व का एक सुपर पॉवर देश बनाने में सहयोग की बजाय विरोधी सामाजिक कट्टरता को बढ़ावा देते हैं। सोनिया और कांग्रेस गरीबों की आवाज हैं। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद जिसकी कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं, की वेबसाइट पर इसके द्वारा प्रतिपादित कायरें की प्रेस रिलीज हर माह जारी की हुई देखी जा सकती है। केवल 2011 में जब सोनिया गांधी बीमार हुईं कुछ महीनों के लिए यह प्रेस रिलीज बंद हुई थी।
कांग्रेस ने कई देश की भलाई और सुधारात्मक बदलाव में कई ऐतिहासिक फैसले लिए, ग्रामीण रोजगार के लिए नरेगा, राइट टू इंफॉर्मेशन (आरटीआई), राइट टू एडुकेशन (आरटीई), एनएचआरएम, फॉरेस्ट एक्ट, भूमि अधिग्रहण कानून (लैंड एक्विजीशन एक्ट) जैसे बड़े फैसलों के साथ कांग्रेस ही राइट टू फूड का कानून भी लेकर आई और 2011 में लोकपाल बिल भी पास कराया। अब हमारा लक्ष्य भुखमरी और कुपोषण को खत्म करना है।
विश्वसनीयता की बात आने पर भी कांग्रेस खुद पर लोगों का विश्वास उठने को सिरे से नकारती है। कांग्रेस के अनुसार आज भी अन्य पार्टियों की तुलना में कांग्रेस पर लोगों का विश्वास ज्यादा है। आज कांग्रेस जहां 11 राज्यों में सरकार चला रही है वहीं बीजेपी मात्र 5 राज्यों में। इस तरह पोल के आधार पर भी ये कांग्रेस ही सबसे विश्वसनीय पार्टी होने के दावे करते और जीत की उम्मीद जताते हैं।
[विज्ञप्ति]