विधायक ने विधानसभा में सभापति पर फेंका पेपरवेट
महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने अलग मराठवाड़ा राज्य की मांग की है। अणे की तरह ही पूर्व एमएलए जांबुवंतराव धोते भी कई साल पहले इस मांग को लेकर सभापति की ओर पेपरवेट फेंकने के बाद अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं।
पुणे। महाराष्ट्र के महाधिवक्ता श्रीहरि अणे ने अलग मराठवाड़ा राज्य की मांग की है। अणे की तरह ही पूर्व एमएलए जांबुवंतराव धोते भी कई साल पहले इस मांग को लेकर सभापति की ओर पेपरवेट फेंकने के बाद अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। इनकी वजह से आज भी महाराष्ट्र विधानसभा में विधायकों की टेबल पर पेपरवेट बैन है।
- नेताजी सुभाषचंद्र बोस द्वारा स्थापित फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी के नेता है जांबुवंतराव धोते।
- वे यवतमाल जिले से पांच बार विधायक रहे हैं। 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में वे यवतमाल-वासीम सीट से चुनाव हार गए थे।
- वे अलग विदर्भ के लिए पिछले 40 सालों से आंदोलन कर रहे हैं। महाराष्ट्र में उन्हें 'विदर्भ वीर' के नाम से जाना जाता है।
- जांबुवंतराव बालासाहब के कहने पर फॉरवर्ड ब्लॉक छोड़ शिवसेना में शामिल हुए थे।
इनके कारण बैन हुआ पेपरवेट
- पूर्व एमएलए जांबुवंतराव धोते ने पहली बार अलग विदर्भ राज्य की मांग 1964 में विधानसभा के भीतर उठाई थी।
- उनके इस प्रस्ताव का अन्य सदस्यों ने कड़े शब्दों में विरोध किया। इससे नाराज जांबुवंतराव ने विधानसभा में हंगामा और नारेबाजी की।
- जिसके बाद विधानसभा के तत्कालीन सभापति बालासाहेब भारदे ने उन्हें अपनी जगह पर बैठने के लिए कहा।
- ये बात जांबुवंतराव को इस कदर नागवार लगी कि उन्होंने अपने टेबल पर रखा हुआ पेपरवेट सभापति की ओर दे मारा।
- निशाना चूकने की वजह से सभापति को चोट नहीं आई। इसके बाद धोते की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई।
- इस घटना के बाद से विधायकों की टेबल पर पेपरवेट हटाने का आदेश दे दिया गया। यह बैन आज भी लागू है।
फिर पहुंचे विधानसभा
- विधायक पद रिक्त होने के बाद फिर एक बाद उनकी सीट पर चुनाव हुआ और वे दोबारा एमएलए बने।
- विधानसभा में आने के बाद जांबुवंतराव ने कहा था, "मैं वही नेता हूं जिसे आपने बाहर निकाला था। लोगों ने फिर से अंदर भेजा है।"