लोकायुक्त कानून में होगा संशोधन, मुख्यमंत्री व विधायक भी होंगे दायरे में
महाराष्ट्र के लोकायुक्त व उप लोकायुक्त कानून-1971 में जल्द ही संशोधन किया जायेगा। इस प्रकार का आश्वासन गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने विधानसभा में दिया है। जिसके बाद इसके दायरे में मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री, विधायक व उनका परिवार भी होगा।
पुणे/मुंबई। महाराष्ट्र के लोकायुक्त व उप लोकायुक्त कानून-1971 में जल्द ही संशोधन किया जायेगा। इस प्रकार का आश्वासन गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने विधानसभा में दिया है। जिसके बाद इसके दायरे में मंत्रियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री, विधायक व उनका परिवार भी होगा।
- विधानसभा में लोकायुक्त कानून में संशोधन करने का गैरसरकारी विधेयक भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने शुक्रवार को पेश किया था। जिसमें मौजूदा लोकायुक्त कानून को बेहद कमजोर व निरूपयोगी बताया गया था। - - भाजपा विधायक का कहना था कि महाराष्ट्र का लोकायुक्त कानून कठोर व प्रभावी नहीं होने की वजह से पिछले कुछ वर्षों में राज्य में बड़े-बड़े भ्रष्टाचार व घोटालों को बेखौफ होकर अंजाम दिया गया।
गैरसरकारी विधेयक में है यह बड़ा प्रावधान :-
- भाजपा विधायक भातखलकर ने विधानसभा में जो गैरसरकारी विधेयक पेश किया है। उसमें मंत्रियों के साथ ही अब मुख्यमंत्री व विधायकों के परिवार को भी इसके दायरे में लाने का सुझाव दिया गया है।
- दरअसल महाराष्ट्र में अब तक मंत्री तो लोकायुक्त के दायरे में थे मगर मुख्यमंत्री, विधायक व उनका परिवार नहीं था। इसी प्रकार राज्य के लोकायुक्त की कमान किसे सौंपी जाये।
- किसकी नियुक्ति लोकायुक्त जैसे महत्वपूर्ण पद पर की जाये। इसका भी कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। लिहाजा गैरसरकारी विधेयक में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति की नियुक्ति लोकायुक्त के लिए किये जाने की मांग की गई है।
- इसके अलावा दो और महत्वपूर्ण प्रावधान गैरसरकारी विधेयक में विधायक भातखलकर ने सुझाया है। पहला यह कि लोकायुक्त की कार्य कक्षा भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून-1988 के अधीन लायी जाये ताकि घोटालों व भ्रष्टाचार के बड़े मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो।
- इसके अलावा लोकायुक्त के पास जांच करने की अपनी स्वतंत्र यंत्रणा हो। जो मौजूदा लोकायुक्त कानून में नहीं है. महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने भाजपा विधायक के इस गैरसरकारी विधेयक का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के मौजूदा लोकायुक्त व उप लोकायुक्त कानून1971 में संशोधन करने की बड़ी घोषणा विधानसभा में की है।